मुजफ्फरपुर : सदर पुलिस पर आरोपितों को बचाने का आरोप लगा कर रिटायर्ड हेड क्लर्क रवींद्रनाथ तिवारी का शव बीबीगंज के पास एनएच पर रख कर बुधवार को सड़क जाम कर दिया गया. टायर जलाकर आगजनी करते हुए यातायात बाधित कर दिया. आक्रोशित लोगों ने कई छोटे-बड़े वाहनों में जमकर तोड़-फोड़ की.
राहगीरों के साथ मारपीट की. करीब तीन घंटे तक शव को रख कर बवाल किया. मौके पर पहुंची सदर थाने की अपर थानेदार मधु मालती आजाद को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. उनके विरुद्ध लोगों ने जमकर नारेबाजी की. आक्रोशित लोग एसएसपी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे.
हंगामा बढ़ने पर क्यूआरटी को मौके पर बुलाना पड़ा. नगर डीएसपी मुकुल कुमार रंजन ने मौके पर पहुंच कर आक्रोशितों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित अपर थानेदार को निलंबित करने व आरोपितों को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े थे. मृतक के पुत्र अजय कुमार तिवारी सहित अन्य परिजनों से डीएसपी ने वार्ता की. करीब तीन घंटे के बाद जाम समाप्त हुआ.
चार पर प्राथमिकी
मृतक के पुत्र अजय कुमार तिवारी के बयान पर सदर थाने में चार नामजद व अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसमें बीबीगंज सुभाष नगर निवासी सुनील कुमार गुप्ता उर्फ डब्लू, उनके भाई महंत गुप्ता, दिलीप राय, बुलू राय सहित अन्य को आरोपित किया है. कहा है कि आरोपितों ने उनके पिता पर पिस्तौल की बट से प्रहार कर दिया. इसके बाद उनकी काफी देर तक पिटाई की. इसमें उनके पिता की मृत्यु हो गयी. ,
रास्ता विवाद की चर्चा
प्राथमिकी में घटना का कारण नहीं बताया गया है, लेकिन मृतक के पुत्र ने पुलिस को बताया कि उनके
घर के पीछे एक जमीन है. उस जमीन को खरीदने के लिए ग्राहक बराबर आते रहते हैं. कुछ ग्राहक उनसे जमीन में रास्ता होने की बात पूछते थे. इस पर उनके पिता जमीन में रास्ता नहीं होने की बात ग्राहकों से कहते थे. इससे सभी आरोपित नाराज थे. इसकी रंजिश में उनकी हत्या कर दी गयी.
नगर डीएसपी के साथ की धक्का-मुक्की
हत्या के बाद परिजनों व समर्थकों में किसी ने आरोपितों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं होने की अफवाह फैला दी. इससे वे आक्रोशित हो गये. उन्होंने शव को एनएच पर रख कर जाम कर दिया. मौके पर पहुंचे नगर डीएसपी मुकुल कुमार रंजन के साथ धक्का-मुक्की की. किसी तरह पुलिस विभाग में कार्यरत मृतक के दामाद ने स्थिति को नियंत्रित किया. डीएसपी ने मौके पर ही परिजनों को प्राथमिकी की कॉपी दी. इसके बाद लोग शांत हुए. शव का दाह संस्कार आरोपित के दरवाजे पर करने के लिए परिजन अड़े थे.