मुजफ्फरपुर : शहर का भू-जलस्तर कितना ज्यादा नीचे चला गया है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चापाकल व सामान्य मोटर के जवाब देने के बाद लोग अब अपने घर के कैंपस में 14-15 फुट नीचे गड्ढे खोद कर उसमें मोटर पंप लगा रहे हैं, फिर भी पानी नहीं मिल रहा है. ऐसे में शहरी क्षेत्र की स्थिति दिनों-दिन भयावह होती जा रही है. शुक्रवार को प्रभात खबर की टीम ने वार्ड नंबर 32 के मिल्की टोला, सादपुरा पोखरिया पीर, स्लम एरिया आदि का दौरा किया.
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जमीन खोद कर 14 फुट नीचे लगाया मोटर पंप, फिर भी नहीं मिली राहत
मुजफ्फरपुर : शहर का भू-जलस्तर कितना ज्यादा नीचे चला गया है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चापाकल व सामान्य मोटर के जवाब देने के बाद लोग अब अपने घर के कैंपस में 14-15 फुट नीचे गड्ढे खोद कर उसमें मोटर पंप लगा रहे हैं, फिर भी पानी नहीं मिल रहा है. […]
भू-जलस्तर नीचे जाने के कारण जिनके यहां सबमर्सिबल पंप लगा है, उनको छोड़ झुग्गी-झोपड़ी से लेकर बड़े घर तक में जलसंकट है. जो सबमर्सिबल पंप लगाने में सक्षम नहीं हैं, वे कम खर्च पर जहां बोरिंग है, उसी जगह 10 से 15 फुट तक गड्ढे की खुदाई कर उसमें मोटर लगा किसी तरह पानी खींच रहे हैं.
पार्षद के घर में भी पानी नहीं, पांच दिन से नहीं कर रही हैं स्नान: वार्ड नंबर 32 की पार्षद गीता देवी हैं. इनका घर मिल्की टोला स्लम बस्ती में है. इनके घर में जो चापाकल लगा था, वह सूख गया है. इन्हें प्यास बुझाने व खाना बनाने के लिए प्रतिदिन पानी का जुगाड़ करना पड़ रहा है.
गीता देवी व इनके पति सुरेश दास कनौजिया बताते हैं कि अभी जो स्थिति है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. पानी के अभाव में इस भीषण गर्मी में पांच-पांच दिन बिना स्नान किये रहना पड़ता है. वार्ड की जनता पानी समस्या लेकर आती है, लेकिन मेरी स्थिति को देख वे लोग चुपचाप लौट जा रहे हैं. मेयर, उप मेयर व नगर आयुक्त से बार-बार मिल रहे हैं, लेकिन कहीं से कोई वैकल्पिक व्यवस्था फिलहाल होती नहीं दिख रही है.
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