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मुजफ्फरपुर : 1.24 लाख प्रसव का रजिस्ट्रेशन 63 हजार बच्चों का ही जन्म

कुमार दीपू मुजफ्फरपुर : सरकार के तमाम जागरूकता कार्यक्रमों और प्रोत्साहन के बावजूद सरकारी अस्पतालों में महिलाएं प्रसव के लिये रजिस्ट्रेशन तो करा लेती है. लेकिन अपने बच्चे का जन्म वह प्राइवेट अस्पताल में देती हैं. स्वास्थ्य विभाग के वर्ष 2018-19 के आंकड़े यही बतां रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते है कि वर्ष […]

कुमार दीपू
मुजफ्फरपुर : सरकार के तमाम जागरूकता कार्यक्रमों और प्रोत्साहन के बावजूद सरकारी अस्पतालों में महिलाएं प्रसव के लिये रजिस्ट्रेशन तो करा लेती है. लेकिन अपने बच्चे का जन्म वह प्राइवेट अस्पताल में देती हैं. स्वास्थ्य विभाग के वर्ष 2018-19 के आंकड़े यही बतां रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते है कि वर्ष 2018-19 के जनवरी माह तक सरकारी अस्पताल में 1.24,830 महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था. जबकि इनमें से महज 63,282 महिलाओं ने ही सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पहुंची. बाकी के 61 हजार महिलाएं प्राइवेट अस्पताल में अपने बच्चों को जन्म दे दी. हालांकि पिछले साल के अपेक्षा इस साल प्रसव सरकारी अस्पताल में 16.100 हजार बढ़े हैं. वर्ष 2017-18 में पूरे जिले में 1.11,291 महिलाएं रजिस्ट्रेशन करायी थी. जिसमें 47,378 महिलाएं सरकारी अस्पताल में प्रसव करायी थी. वहीं इस साल 16.100 अधिक महिलाएं प्रसव कराने सरकारी अस्पताल पहुंची हैं.
सरकारी अस्पतालों में 54.4 प्रतिशत प्रसव
जिले के 16 पीएचसी, सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में वर्ष 2018-19 में 54.4 प्रतिशत ही प्रसव हो पाये हैं. जबकि पिछले साल प्रतिशत और भी कम थे. वर्ष 2017-18 में पूरे जिले में 47.1 प्रतिशत ही प्रसव हो पाये थे. वर्ष 2018-19 में 63 हजार 282 महिलाएं प्रसव कराने पहुंची. इसमें 16 पीएचसी में 35,127 महिलाएं ने प्रसव कराया. जबकि एसकेएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में 7,985 महिलाओं ने प्रसव कराया. वहीं सदर अस्पताल में महज 3,487 महिलाएं ही प्रसव कराने पहुंची. जबकि एपीएचसी व घर में 16,683 महिलाओं ने प्रसव कराया. चिह्नित 61 हजार गर्भवतियों के निजी अस्पतालों में जाने पर सरकार ने कड़े निर्देश दिये हैं.
अस्पतालों में प्रसव
पीएचसी प्रसव
औराई 1,408
बंदरा 0000
बोचहां 2,308
गायघाट 2,759
कांटी 2,801
कटरा 1,040
कुढ़नी 2,372
मड़वन 1,121
मीनापुर 3,033
मोतीपुर 3,029
मुरौल 1,327
मुशहरी 2,125
पारू 2,287
साहेबगंज 3,456
सकरा 3,367
सरैया 2,695
सदर अस्पताल 3,487
एसकेएमसीएच 7,985
घर व अन्य 16,683
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में चिह्नित गर्भवतियों का संस्थागत प्रसव अनिवार्य है. आशा व एएनएम अभियान नजर रख रही हैं. पीएचसी से रिपोर्ट मांगी गयी है.
सीएस डॉ शिवचंद्र भगत, सिविल सर्जन

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