मुशहरी : मुशहरी थाना क्षेत्र के छोटी कोठिया निवासी 22 वर्षीय गोनौर सहनी उर्फ राजेश सहनी की लाश रविवार को अहियापुर थाना क्षेत्र के रौशनपुर में बूढ़ी गंडक नदी की उपधारा में बरामद हुई. वह 14 जून से गायब था. उसकी लाश देखे जाने से क्षेत्र में सनसनी फैल गयी.
सूचना मिलने के बाद छानबीन को पहुंचे अहियापुर थानाध्यक्ष यतींद्र कुमार सिंह, भगवान सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मियों को आक्रोशित लोगों ने बंधक बना लिया और जमकर हंगामा करते हुए नारेबाजी की. बाद में बीडीओ सुमन कुमार की पहल पर एवं मृतक की बेसहारा मां मुसमात बुधनी देवी को पारिवारिक लाभ योजना से 20 हजार रुपये अनुदान देने के बाद लोग शांत हुए. तब करीब पांच घंटे बाद दोपहर दो बजे पुलिस बंधन मुक्त हुई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेजी.
घटना से आक्रोशित लोगों का कहना था कि गोनौर के लापता होने की सूचना पुलिस को 16 जून को दी गयी थी. मगर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. पुलिस यदि कार्रवाई की होती तो गोनौर की जान बच सकती थी. गोनौर की मां का कहना था कि 14 जून को अहियापुर थाना क्षेत्र के विजयी छपरा निवासी गनु सहनी के बुलावे पर भगवान अमर सिंह की पूजा देखने गोनौर गया था. उसके साथ गया दिनेश सहनी शाम को ही लौट आया. जबकि मनोज सहनी अगले दिन 15 जून को लौटा. बुधनी से उससे जानकारी ली. उन्हें अनहोनी की आशंका होने लगी.
तब पुलिस को कार्रवाई के लिए आवेदन दी. 17 जून को एसएसपी को भी आवेदन देकर कार्रवाई की गुहार लगायी. रविवार को लाश मिलने की खबर से ग्रामीण महेश सहनी, लखेंद्र सहनी, उर्मिला देवी, जगन्नाथ सहनी आदि सहित बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पहुंचे. वहां पुलिस को आते ही सभी भड़क गये और उन पर कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. सूचना मिलने पर भाजपा नेत्री बेबी देवी, भाजपा मंडल अध्यक्ष सतीश कुमार, गजाधर सहनी आदि पहुंचे और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिये. कई लोग पुलिस जीप की हवा निकालने दौड़े जिन्हें रोहुआ के सरपंच पति शशिभूषण प्रसाद सिंह, उपसरपंच हेमंत कुमार सिंह, पूर्व मुखिया रामबाबू सहनी, भाकपा नेता शत्रु सहनी ने पहल उन्हें रोका.