मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु कुमारी ने भी मंगलवार को मुजफ्फरपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. मधु के सरेंडर से आरोपित ब्रजेश ठाकुर व पूरे प्रकरण से जुड़े कई राज पर से पर्दा हटने की उम्मीद जतायी जा रही है. सूत्रों की माने तो ब्रजेश के आर्थिक, संस्था से जुड़े सभी लोगों के मासिक भुगतान, प्रोजेक्ट की निगरानी, साहबों तक राशि पहुंचाने सहित सबकुछ मधु जानती है. मधु के पास ब्रजेश की नकद राशि भी है.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर की करीबी मधु की तलाश लंबे समय से चल रही थी. लेकिन, उसका कोई सुराग नहीं मिला रहा था. मधु की तलाश में कई जगह पर छापेमारी भी हुई. ब्रजेश ठाकुर की राजदार और चिल्ड्रेन होम की कर्ता-धर्ता मधु थी. इस कांड में मधु का नाम महिला थाने की केस डायरी में भी जिक्र किया गया है.
पुलिस सूत्रों कि माने तो मधु की गिरफ्तारी ब्रजेश के गुनाहों की फेहरिस्त और लंबी कर सकती है. चिल्ड्रेन होम में रहने वाली लड़कियों ने भी मधु नाम की महिला का जिक्र किया है, जो अक्सर चिल्ड्रेन होम के कामकाज का जायजा लेने के लिए वहां मौजूद रहती थी. पुलिस ने मधु के खिलाफ एफआइआर तो दर्ज नहीं की है, लेकिन पुलिस की केस डायरी में उसका जिक्र जरूर है. ठाकुर समेत दस लोगों की गिरफ्तारी के बाद मधु के बारे में मिले अहम सुरागों ने पुलिस को चौंका दिया.
कौन है मधु?
वकालत की पढ़ाई कर चुकी मधु को टेंडर हथियाने वाली महिला के तौर पर भी जाना जाता है. मधु ही वो राजदार है, जो पिछले 30 सालों से ब्रजेश ठाकुर की सबसे नजदीक रही है. जब 2013 में चिल्ड्रेन होम से तीन लड़कियां गायब हो गयी थीं तब भी पूरे मामले की सूचना देने से लेकर दस्तावेज प्रबंधन का काम मधु ने ही किया था.मधु ब्रजेश ठाकुर के संपर्क में 17 साल पहले आयी थी. मधु की जिंदगी कठिनाइयों के बीच गुजरी. पिता का साया जल्दी उठने के बाद वह अपनी मां के साथ मुजफ्फरपुर के चर्चित चतुर्भुज स्थान में रहने लगी, जो रेड लाइट एरिया है.
उस समय मुजफ्फरपुर के चतुर्भुजस्थान में ऑपरेशन उजाला चला था. इस ऑपरेशन को चलाने वाली प्रशिक्षु आइपीएस अधिकारी दीपिका सूरी थीं, जिनका नाम मुजफ्फरपुर के लोग अब भी लेते हैं. उन्होंने चतुर्भुजस्थान में सुधार का बड़ा काम किया था. प्रशिक्षु आइपीएस ने मोहल्ला सुधार समिति का गठन कराया. जिसमें ब्रजेश ठाकुर और मधु सहित 12 लोग इसके सदस्य बने थे. मोहल्ला सुधार समिति की देखरेख में वहां जागरूकता अभियान चलने लगा. इसी दौरान नब्बे के दशक में ब्रजेश ठाकुर और मधु करीब आये. तब ब्रजेश ठाकुर की शादी भी नहीं हुई थी.
मधु को आगे कर ब्रजेश ने अधिकारियों से कई नियम विरुद्ध काम कराया और अपनी संस्था और अखबार के लिए पैसे बटोरे. मधु को लेकर ब्रजेश ठाकुर का पारिवारिक जीवन भी खतरे में रहा. कई बार मधु को लेकर ब्रजेश ठाकुर की पत्नी ने झगड़ा किया, ऐसी चर्चा मुजफ्फरपुर में होती रही है. आगे चल कर ब्रजेश ठाकुर ने मधु को पहचान दिलाने के लिए चतुर्भुज स्थान में ही वामा शक्ति वाहिनी के नाम से एक और स्वयंसेवी संगठन बनाया और मधु को इसका निदेशक बना दिया.
संगठन का काम चतुर्भुजस्थान में सुधार के काम को चलाना था. इसमें बिकने वाली लड़कियों को मुक्त कराना और एचआइवी एड्स को लेकर जागरूकता जैसे कार्यक्रम शामिल थे. वामा शक्ति वाहिनी की ओर से कई तरह के सामाजिक कार्यक्रम समाज को दिखाने के लिए चलाये जाते थे, लेकिन इसके पर्दे के पीछे कुछ और ही होता था. इसमें कई तरह के आरोप लग रहे हैं. पीड़ित लड़कियों के बयान और चिल्ड्रेन होम से जुड़े अन्य लोगों के मुताबिक, यौन शोषण कराने में मधु मुख्य किरदार निभाती थी.