– मुंगेर में सफेद बालू के हैं 22 घाट, 8 बार निकला टेंडर, नहीं मिले संवेदक, अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी
मुंगेरमुंगेर में गंगा के गर्भ से बड़े पैमाने पर सफेद रेत की चोरी हो रही है. बालू माफिया और जिम्मेदारों की मिलीभगत से सफेद बालू का काला कारोबार संचालित हो रहा है और उसका उपयोग फ्लाई एश के बदले मुंगेर में संचालित छोटी-बड़ी योजना व परियोजनाओं में हो रही है. हालांकि अवैध उत्खन्न की सूचना पर 16 मई को खनन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी पटना बिहार सुरेश प्रसाद ने मुंगेर पहुंच कर कई गंगा घाटों पर हो रहे अवैध सफेद बालू उत्खनन की जांच की. जो अपनी रिपोर्ट विभाग के सचिव को सौंपेंगे. जिसके बाद से बालू माफिया, खनन विभाग और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है.
जांच कर लौटे विशेष कार्य पदाधिकारी खनन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 16 मई को विशेष कार्य पदाधिकारी खनन पटना बिहार सुरेश प्रसाद मुंगेर पहुंचे थे. विभाग में बरियारपुर के एक चिकित्सक ने अवैध बालू उत्खनन और उसके अवैध उपयोग को लेकर शिकायत की थी. विशेष कार्य पदाधिकारी ने मुंगेर खनन विभाग के खान निरीक्षक मो. राशिद के साथ बरियारपुर जांच करने पहुंचे. उन्होंने कल्याणपुर गंगा घाट, फुलकिया गंगा घाट, काली स्थान बरियारपुर सहित अन्य बालू घाट का निरीक्षण किया. इस दौरान पूर्व में सूचना मिलने के कारण जेसीबी मशीन, मजदूर व ट्रैक्टर को हटा लिया गया था. जिसके कारण किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन विशेष कार्य पदाधिकारी को हर जगह पर बालू के अवैध उत्खनन के सबूत जरूर मिले. बरियारपुर में एक ईंट भट्टा के समीप गंगा घाट पर तो तो उनको झोपड़ीनुमा एक ऑफिस भी मिला. जो इस बात को दर्शाता है कि किस प्रकार गंगा के अवैध बालू का उत्खनन डंके की चोट पर खुलेआम किया जा रहा है. सूत्रों की माने तो सबकुछ ठीक-ठाक रहा और किसी बड़े नेता का दबाव नहीं हुआ तो विशेष कार्य पदाधिकारी का रिपोर्ट मुंगेर जिले के जिम्मेदारों की बालू माफिया से साठ-गांठ की पोल खोल कर रख देंगी.
मुंगेर जिले में है 22 सफेद बालू घाट, कई वर्षों से नहीं हुआ टेंडर
जिले में कुल 22 गंगा बालू घाट है. जो हेमजापुर से घोरघट तक फैला हुआ है. इन बालू घाट का क्षेत्रफल 412.8 हेक्टेयर है. जिन गंगा बालू घाट की बंदोबस्ती विभाग करना चाहता है उसमें काली स्थान फुलकिया बालू घाट एवं काली स्थान बरियारपुर गंगा बालू घाट को 6-6 भाग, पहाड़पुर गंगा बालू घाट को 5 भाग एवं महुला बालू घाट को 4 भाग में बांटा गया है. वर्ष 2023 से लेकिर वर्ष 2025 तक में आठ बार से अधिक बार बंदोबस्ती के लिए निविदा निकाला गया. लेकिन कभी संवेदक भाग नहीं लेते तो कभी संवेदक भाग लेते है तो दस्तावेज सही होता है. जिसके कारण हर बार बंदोबस्ती की निविदा को रद्द कर दिया जाता है.
विभाग को करोड़ों राजस्व का हो रहा नुकसान
सूत्रों की माने तो 22 गंगा बालू घाट की बंदोबस्ती ढाई से तीन करोड़ में होना है. लेकिन विभाग को संवेदक ही नहीं मिल रहा है. मुंगेर में बालू माफिया काफी सक्रिय है जो बिना टेंडर के ही मुंगेर शहर व आस-पास के गंगा बालू घाटों पर अवैध उत्खनन कर उसकी बिक्री धड़ल्ले से करते हैं. इतना ही नहीं बड़ी छोटी योजना व परियोजना में इसका उपयोग फ्लाई एश के नाम पर धड़ल्ले से किया जा रहा है. जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है. वर्ष 2023 से अब तक सरकार को सफेद बालू घाट से 10 करोड़ रूपया राजस्व का नुकसान हुआ है. लेकिन मुंगेर में बालू मफिया ने 15 से 20 करोड़ का कारोबार बिना किसी रॉयल्टी दिये ही कर लिया है. आज भी सफेद बालू व गंगा मिट्टी का धड़ल्ले से अवैध उत्खनन व ढुलाई की जा रही है.
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