प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व प्रसव योजना बदहाल
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी प्रसव सुविधा के लिए गर्भवतियों को आना पड़ रहा जिला व प्रखंड मुख्यालय
मुंगेर. लगभग 20 लाख की जनंसख्या, 9 प्रखंड और 101 पंचायत वाले मुंगेर जिले में कुल 226 सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों का संचालन किया जा रहा है. यहां लोगों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन मुंगेर जिले में संचालित इन 226 सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मात्र 31 स्वास्थ्य संस्थानों पर ही जिले की गर्भवतियों को प्रसव की सुविधा मिल रही है. इसके कारण एक ओर जहां अब भी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवतियों को अपने प्रसव के लिए जिला व प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी संस्थानों पर प्रसव की सुविधा का अभाव होने के कारण निजी व अवैध नर्सिंग होम का जाल इन क्षेत्रों में फैलता जा रहा है. हद तो यह है कि जिले के मात्र दो सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ही सिजेरियन प्रसव की सुविधा उपलब्ध है. अब ऐसे में जिले में चल रहा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व आश्वासन कार्यक्रम पूरी तरह से बदहाल है.
जिले में संचालित हैं कुल 226 सरकारी स्वास्थ्य संस्थान
बता दें कि मुंगेर जिला मुख्यालय सहित इसके 9 प्रखंडों में कुल 226 सरकारी स्वास्थ्य संस्थान संचालित हैं. इसमें सबसे अधिक 180 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित हैं. जबकि 21 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 6 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 8 शहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व 6 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ जिला मुख्यालय में स्थित सदर अस्पताल और तारापुर में संचालित अनुमंडल अस्पताल शामिल हैं. इसके संचालन पर सरकार प्रत्येक माह करोड़ों रुपये खर्च करती है, ताकि लोगों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा उनके घरों के पास ही मिल सके.
मात्र दो सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ही सिजेरियन प्रसव की सुविधा
जिले में मात्र 31 स्वास्थ्य संस्थानों में ही गर्भवतियों को संस्थागत प्रसव अर्थात सामान्य प्रसव की सुविधा मिल रही है. इसमें 17 एचडब्ल्यूसी, 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 8 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं. जबकि सिजेरियन प्रसव की सुविधा तो मात्र दो स्वास्थ्य संस्थान जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल और तारापुर स्थित अनुमंडल अस्पताल में उपलब्ध है. यह हाल तब है, जब सरकार जिले में मातृ-शिशु दर को कम करने, गर्भवतियों को सुरक्षित प्रसव की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व आश्वासन की सुविधा उपलब्ध करा रही है.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ रामप्रवेश प्रसाद ने बताया कि जिले के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव की सुविधा बढ़ायी जा रही है. इसके लिए जहां भी वर्तमान में सभी संसाधन उपलब्ध हैं. वहां प्रसव की सुविधा दी जा रही है.
निजी व अवैध नर्सिंग होम का फैल रहा जाल
मुंगेर. बता दें कि मुंगेर जिले में कई प्रखंड में ऐसे पंचायत हैं, जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्र हैं या दियारा क्षेत्र में बसे हैं. वहां की गर्भवतियों को उनके घरों के पास संस्थागत प्रसव की सुविधा नहीं मिल पा रही है. इसके कारण इन क्षेत्रों की गर्भवतियों को प्रसव कराने के लिए जिला या प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता है. इसका सबसे अधिक फायदा जिले में संचालित अवैध निजी नर्सिंग होम और बिना किसी डिग्री के चिकित्सीय इलाज कराने वाले ग्रामीण चिकित्सक उठज्ञ रहे हैं, ये ऐसे लोगों को या तो बहला-फुसलाकर अपने निजी क्लीनिक तक लाते हैं या उनके घरों पर ही बिना किसी मानक के प्रसव की सुविधा देते हैं. इसके कारण कई बार गर्भवतियों को जान तक गंवानी पड़ती है.
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—————————————इन स्वास्थ्य संस्थनों में है प्रसव की सुविधा
– एचडब्ल्यूसी हसनपुर, शकरपुर, सोहैलचक, दुर्गापुर, पथघागड़, कहुआ, मंझगांय, बिहमा, हेमजापुर, दरियापुर, बंगलवा, कल्याणपुर करहरिया, बैजलपुर, बनौली– सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर, हवेली खड़गपुर, धरहरा
– अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर, बढ़ौना, बलबिहमा, परभाड़ा, लखनपुर, गढीरामपुर, बोचाही, गंगटा– प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरियारपुर, जमालपुर, टेटियाबंबर
– सदर अस्पताल, मुंगेर– अनुमंडल अस्पताल, तारापुर
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