प्रतिनिधि, बरियारपुर. श्रीधाम वृंदावन से आयी सरस कथावाचिका कृष्ण प्रिया ने कहा कि दुखों से मुक्ति पाने का एक मात्र तरीका भगवान पर विश्वास रखना. वे रविवार को बरियारपुर बस्ती में आयोजित नौ दिवसीय श्री-श्री 108 राम महायज्ञ में श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए कही. कथावाचिका ने कहा कि भागवत कथा के अनुसार दुख तीन प्रकार के होते हैं. दैहिक, दैविक और भौतिक. दैहिक दुख के बारे में बताया कि ये वे दुख हैं जो शरीर से संबंधित होते हैं, जैसे कि रोग, चोट या शारीरिक कष्ट. दैविक दुख वह दुख है जो ईश्वर या भाग्य से संबंधित होते हैं, जैसे प्राकृतिक आपदाएं या अन्य अनिष्ट. तीसरा भौतिक दुख वह दुख है जो बाहरी दुनिया से संबंधित होते हैं. जैसे धन की कमी. भागवत कथा के अनुसार, इन तीनों प्रकार के दुखों से मुक्ति पाने का एकमात्र तरीका है भगवान में विश्वास रखना और उनकी भक्ति करना. सभी को भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए. कथा का श्रवण करने से कई दुख दूर हो जाते हैं और पुण्य मिलता है. उन्होंने कहा कि कथा जब सुनने आयें तो परिजनों व आसपास के लोगों को जरूर लेकर आयें. उन्हें तो पुण्य मिलेगा ही आपके इस शुभ कार्य के लिए आपको भी पुण्य मिलेगा. इसके अलावा राम महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप में हवन किया और रासलीला का आनंद लिया. कार्यक्रम को सफल बनाने में यज्ञ समिति के अध्यक्ष चंद्रदेव शर्मा, सचिव गगनदीप कुमार, सुभाष मंडल उर्फ मन्ना, वशिष्ठ कुमार सहित समस्त ग्रामीण अपना सहयोग दे रहे हैं.
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