जमालपुर-नगर परिषद क्षेत्र जमालपुर अंतर्गत कारखाना गेट संख्या 6 से फुलका रोड साहित कई अन्य सड़कों का निर्माण वर्षों से लंबित पड़ा हुआ है. सड़क निर्माण की जिम्मेवारी बिहार शहरी बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (बुडको) को दी गई है, परंतु सड़क का निर्माण कार्य लंबित पड़ा है. मजेदार बात यह है कि सड़क निर्माण के पूर्व लोगों को घरों में जलापूर्ति योजना के लिए पाइप कनेक्शन करने की जिम्मेदारी भी बुडको की ही है, परंतु सड़क निर्माण कार्य में लगातार हो रहे विलंब से शहरवासियों में घोर निराशा बन गयी है. इस बीच सड़क निर्माण से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों ने शुक्रवार को कारखाना गेट संख्या 6 से फुलका सड़क का निरीक्षण किया. जिससे एक बार फिर जमालपुर के लोगों को जर्जर सड़कों के निर्माण की आस जगी है.
विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों ने किया 6 नंबर गेट फुलका सड़क का निरीक्षण
पिछले दिनों प्रभात खबर अखबार ने इस समस्या को लेकर प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया गया था. जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला अधिकारी के आदेश पर ही शुक्रवार को विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों ने कारखाना गेट संख्या 6 फुलका सड़क का निरीक्षण किया. इन अधिकारियों में डीआरडीओ के डायरेक्टर अमरेश कुमार, बुडको के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार, सहायक अभियंता ऋषिकेश कुमार, आरडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता आशुतोष कुमार तथा आरसीडी के कार्यपालक अभियंता प्रेम कुमार शामिल थे. अधिकारियों ने कहा कि यदि वर्तमान एस्टीमेट के अनुसार सड़क निर्माण किया जाता है तो कई स्थानीय लोगों के घरों में नाली का पानी प्रवेश कर जाएगा. इसके लिये जरूरी है कि पहले सड़क की खुदाई की जाए और उसके बाद सड़क निर्माण किया जाए, ताकि सड़क की ऊंचाई वर्तमान सड़क की ऊंचाई के समकक्ष हो.सड़क निर्माण प्रक्रिया आरंभ होते ही स्थानीय लोगों ने किया था विरोध
कारखाना गेट संख्या 6 से नगर परिषद सीमा क्षेत्र फुलका तक की सड़क का निर्माण कार्य संवेदक द्वारा लगभग चार महीने पहले आरंभ किया गया था. जिसका स्थानीय स्तर पर जबरदस्त विरोध हुआ था. स्थानीय नागरिकों ने सड़क निर्माण को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी कि इस सड़क के दोनों और किसी भी मकान में जलापूर्ति योजना के लिए पाइप कनेक्शन नहीं किया गया है. ऐसे में सड़क निर्माण होने के बाद घरों को पाइप कनेक्शन दिया जाएगा. इसके बाद एक बार फिर से सड़क को खोदकर बर्बाद कर दिया जाएगा और सड़क रेस्टोरेशन के नाम पर महज खानापूर्ति की जाएगी. साथ ही वर्तमान सड़क को खोदकर उसे पहले गड्ढा किया जाए और उसके बाद फिर सड़क का निर्माण कार्य किया जाए, ताकि सड़क की ऊंचाई बढ़े नहीं, क्योंकि सड़क की ऊंचाई बढ़ने से सड़क किनारे रहने वाले लोगों का मकान नीचे चला जाएगा और बारिश का पानी मकान में प्रवेश कर जाएगा. इस दौरान स्थानीय लोगों के विरोध के कारण सड़क निर्माण की प्रक्रिया संवेदक द्वारा बंद कर दी गई थी.एस्टीमेट बढ़ाने को लेकर किया गया था पत्राचार
बताया गया कि कारखाना गेट संख्या 6 से नगर परिषद सीमा फुलका तक की सड़क के निर्माण के लिए लगभग 3 करोड़ की राशि का प्राक्कलन किया गया था, परंतु सड़क की खुदाई करने को लेकर एस्टीमेट में प्रावधान नहीं था, इसलिए कार्यकारी एजेंसी द्वारा रोड डिस्मेंटलिंग वर्क के लिए एस्टीमेट दोबारा तैयार करने के लिए मुख्यालय को भेजा गया था. ताकि इस सड़क मार्ग की ऊंचाई पूर्व की भांति ही बनी रहे और लोगों के घर में बारिश या नाले का पानी प्रवेश नहीं कर सके. इस प्रकार एक समस्या का समाधान तो ढूंढ निकाला गया है, परंतु दूसरी समस्या का समाधान अब तक नहीं निकल गया है. जो की पाइपलाइन कनेक्शन देने के नाम पर सड़क क्षतिग्रस्त करने की समस्या है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

