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अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान व कॉलेजों की संबद्धता की बढ़ी आस

अब अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान को लेकर सेलेक्शन कमेटी बनाने के साथ संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले 14 कॉलेजों की जांच के लिए निरीक्षण समिति बनाने की होगी प्रक्रिया

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प्रतिनिधि, मुंगेर.

मुंगेर विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह व सीनेट बैठक संपन्न हो चुकी है. इसके बाद अब अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान को लेकर सेलेक्शन कमेटी बनाने के साथ संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले 14 कॉलेजों की जांच के लिए निरीक्षण समिति बनाने की प्रक्रिया की जानी है. विदित हो कि सेवा विस्तार पाने वाले अतिथि शिक्षकों को तीन माह से मानदेय नहीं मिला है.

अतिथि शिक्षकों के सेवा विस्तार को लेकर सेलेक्शन कमेटी जरूरी

एमयू द्वारा साल 2023 में 109 अतिथि शिक्षकों को 11 माह का सेवा विस्तार दिया गया था. इसका कार्यकाल 19 दिसंबर 2024 को समाप्त हो गया था. हालांकि इस 11 माह में एमयू के 17 अंगीभूत कॉलेजों में लगभग 100 अतिथि शिक्षक ही कार्यरत थे, जिसकी सीसीआर रिपोर्ट विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों से मांगी गयी थी. सीसीआर रिपोर्ट कॉलेजों द्वारा भेज दी गयी. इसके बाद नियमानुसार तो विश्वविद्यालय को सेलेक्शन कमेटी गठित करते हुए अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार देना था, लेकिन तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रो संजय कुमार चौधरी ने 7 जनवरी को सेलेक्शन कमेटी की प्रत्याशा में अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार दे दिया. इसमें कहा गया कि सेलेक्शन कमेटी की स्वीकृति के बाद ही अतिथि शिक्षकों के मानदेय का भुगतान किया जायेगा. ऐसे में अब सेवा विस्तार पाने वाले अतिथि शिक्षकों को तीन माह से मानदेय नहीं मिला है. इसके लिए एमयू को अब सेलेक्शन कमेटी बनाकर उनके सेवा विस्तार को अनुमोदित करना जरूरी होगा.

संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले कॉलेजों की जांच जरूरी

साल 2025 के लिए 14 कॉलेजों ने अस्थायी व स्थायी संबद्धता के लिए आवेदन किया है. वहीं संबद्धता के लिए आवेदन के बाद विश्वविद्यालय से भौतिक निरीक्षण को लेकर कॉलेजों ने निर्धारित शुल्क भी जमा कर दिया है, लेकिन आवेदन करने के बाद भी अबतक विश्वविद्यालय न तो इन कॉलेजों के निरीक्षण को लेकर कमेटी बना पाया है और न ही इन कॉलेजों के आवेदन को लेकर कोई कार्य विश्वविद्यालय में चल रहा है. अब ऐसे में सीनेट बैठक में भी संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले कॉलेजों के मामले को एजेंडे में शामिल नहीं किया गया. यह हाल तब है, जब पूर्व में विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण दो कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2024-27 में व्यवसायिक पाठ्यक्रम के लिए सरकार से स्वीकृति नहीं मिल पायी थी. ऐसे में अब एमयू के लिए संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले कॉलेजों की जांच महत्वपूर्ण होगी.

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खेल विभाग के लंबे बकाये का समायोजन महत्वपूर्ण

मुंगेर. एमयू के खेल विभाग पर लगभग 10 लाख का एडवांस बकाया है, जो साल 2020 से 2022 का ही है. विभाग के लाखों के एडवांस में अधिकांश राशि बाहर खेलने गयी टीमों के मैनेजर तथा खिलाड़ियों की है. इसे लेकर 29 मार्च को सीनेट बैठक के दौरान भी सीनेट सदस्य द्वारा मामले को रखा गया. इसपर खुद कुलपति प्रो संजय कुमार द्वारा मामले की जानकारी न होने की बात कहते हुए इसपर संज्ञान लेने की बात कही गयी है. अब ऐसे में एमयू के लिए खेल विभाग के लाखों के एडवांस का समायोजन सबसे महत्वपूर्ण होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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