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गंगा के जलस्तर में प्रति तीन घंटा पर एक सेंटीमीटर दर्ज की जा रही गिरावट

. गंगा के जलस्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन पानी घटने की रफ्तार काफी धीमा है. प्रति तीन घंटा पर एक सेंटीमीटर पानी घट रहा है, लेकिन मुंगेर सदर एवं बरियारपुर प्रखंड के गंगा पार की पांच पंचायत के दर्जनों गांव अभी भी बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है.

प्रतिनिधि, मुंगेर. गंगा के जलस्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन पानी घटने की रफ्तार काफी धीमा है. प्रति तीन घंटा पर एक सेंटीमीटर पानी घट रहा है, लेकिन मुंगेर सदर एवं बरियारपुर प्रखंड के गंगा पार की पांच पंचायत के दर्जनों गांव अभी भी बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है. जबकि खेत में लगे फसल सड़-गल कर बर्बाद हो रहा है. इतना ही नहीं बाढ़ के पानी फंसे रहने से ग्रामीणों की परेशानी काफी बढ़ गयी है और महामारी की आशंका से डरे-सहमे है.

प्रति तीन घंटा पर एक सेंटीमीटर घट रहा गंगा का जलस्तर

मुंगेर में वार्निंग लेबल 38.33 मीटर को पार कर 38.80 मीटर तक चला गया था. इस कारण मुंगेर में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी, लेकिन 15 अगस्त से गंगा के जलस्तर में गिरावट आनी शुरू हो गयी. पांच दिनों में गंगा का जलस्तर 36 सेंटीमीटर कम हुआ. अभी भी पानी वार्निंग लेबल से 11 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. यानी 38.44 मीटर पर गंगा का जलस्तर सोमवार की शाम 6 बजे थी. केंद्रीय जल आयोग की माने तो इलाहाबाद, वाराणसी, बक्सर में जहां गंगा का जलस्तर में वृद्धि जारी है. वहीं पटना दीघा घाट, पटना गांधी घाट व हाथीदह में फिर से पानी स्थिर हो गया है. संभावना है कि दो-तीन दिनों के बाद मुंगेर में गंगा के जलस्तर में पुन: वृद्धि होनी शुरू हो जायेगी.

बाढ़ का घटता पानी लोगों के लिए बनी मुसीबत

गंगा के जलस्तर में भले ही गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन बाढ़ की स्थिति अब भी जस-की तस बनी हुई. बाढ़ का पानी कम होने से बाढ़ से राहत तो नहीं मिली, लेकिन मुसीबत अधिक उत्पन्न कर रही है. मुंगेर सदर, बरियारपुर, जमालपुर, हवेली खड़गपुर व असरगंज के हजारों हेक्टेयर खेतों में अब भी पानी फैला हुआ है. दियारा क्षेत्र में मकई, सब्जी सहित अन्य फसल सड़-गल रहा है. जबकि करारी क्षेत्र के खेतों में लगी धान की फसल अब गलने के कगार पर है. जबकि दियारा क्षेत्र के दर्जनों गांव अब भी बाढ़ के पानी में घिरा हुआ है. कुछ गांवों से पानी दूर तो हुई, लेकिन उन क्षेत्रों में जगह-जगह गड्ढों में बाढ़ का पानी फंस गया है. जबकि गांव पूरी तरह से कीचड़मय हो गया है. इस कारण ग्रामीण महामारी की आशंका से डरे सहमे है.

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Prabhat Khabar News Desk
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