जमालपुर. सितंबर माह में मोंथा च्रकवात को लेकर जिले में हुई बारिश व बाढ़ ने इंदरुख टाल बहियार के किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. बाढ़ के दौरान उनके खेत में पानी जमा होने से वहां के किसान न तो खरीफ फसल के लिए धान की बुआई कर पाये और न ही रबी के लिए दलहन व तिलहन फसल की. जिन किसानों ने अपने रिस्क पर खेतों में दलहन और तिलहन की बुआई की थी. बारिश ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया और अब दोबारा लागत लगाकर किसान गेहूं की बुआई कर रहे हैं.
सरसों और मसूर की फसल हो गयी बर्बाद
इंदरुख टाल बहियार के किसानों अमित कुमार सिंह, परमानंद सिंह, विवेकानंद सिंह, बचन सिंह, राजकुमार सिंह, शुभम कुमार, विनय कुमार, देवेश कुमार ने बताया कि इंदरुख टाल बहियार में बाढ़ के पानी के कारण धान की फसल नहीं उपजती है. राष्ट्रीय राजमार्ग 80 के पश्चिम के तरफ गंगा नदी बहती है तो पूर्व के तरफ इंदरुख टाल बहियार है. जहां धरहरा की ओर से बाढ़ का पानी टाल बहियार में प्रवेश कर जाता है. गंगा का पानी उतरने के बाद भी इस टाल बहियार में बाढ़ का पानी जमा रहता है. जिसे सूखने में 1 से 2 महीने लगते हैं. कभी-कभी यह समय अधिक भी हो जाता है. जिसके कारण यहां के किसान एक फसल की उपज करते हैं. जिन किसानों ने दलहन के रूप में मसूर और तिलहन के रूप में सरसों की फसल लगायी थी. उसे बेमौसम बारिश ने बर्बाद कर दिया और खेत खाली छूट गया. किसानों ने जो पूंजी लगायी थी, वह भी डूब गयी. ऐसे में अब के सामने एक बार फिर इंदरुख टाल बहियार में दोबारा लागत लगाकर गेहूं की फसल रोप रहे हैं.लगभग एक हजार बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है इंदरुख टाल बहियार
स्थानीय किसानों ने बताया कि इंदरुख टाल बहियार लगभग एक हजार बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है. जहां अभी भी खेत की मिट्टी हल्की रूप से गीली ही है, परंतु रबी फसल रोपने का समय आ गया है, इसलिए यहां के किसान लेट होने के भय से गीले खेत में ही रिस्क लेकर गेहूं लगाने को मजबूर हो गये हैं. इसमें वह क्षेत्र भी शामिल है, जो कुछ ऊंचाई पर है और जहां बाढ़ का पानी पहले सूख गया था. इस तरह की लगभग एक सौ बीघा क्षेत्र में मसूर का फसल लगा हुआ है. उन्होंने बताया कि इस बार रबी की फसल में इस क्षेत्र के किसानों को दोहरी पूंजी की आवश्यकता पड़ गयी है. किसानों ने बताया कि यदि धरहरा की ओर से बाढ़ के पानी के प्रवेश पर रोक लगे तो यह इंदरुख टाल बहियार किसानों के लिए काफी लाभप्रद साबित होगा और यहां किसान दो से तीन फसल उपजा सकते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

