सिंडिकेट सदस्य को सौंपा ज्ञापन प्रतिनिधि, मुंगेर मुंगेर विश्वविद्यालय में बिहार सरकार के संकल्प 10 हजार पर कार्यरत 11 कर्मियों का लंबे समय से मानदेय लंबित है. इसके कारण इन कर्मियों ने असंतोष बढ़ता जा रहा है. वहीं अब सभी संकल्प 10 हजार पर नियुक्त कर्मी एकजुट होकर आंदोलन के मूड में आ गये हैं. इस बीच कर्मियों ने सिंडिकेट सदस्य पूनम देवी को ज्ञापन सौंपा. संकल्प 10 हजार पर नियुक्त कर्मियों ने बताया कि लंबित मानदेय भुगतान की मांग के संबंध में पहले 25 मार्च को कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा. इसके बाद भी भुगतान में आनाकानी की जा रही है. इसके कारण सिंडिकेट सदस्यों को ज्ञापन दिया है. उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय ने 27 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्त सरकारी कर्मियों के संकल्प 10 हजार पर नियुक्ति से संबंधित सूचना निकाली. यह सूचना शिक्षा विभाग के 27 दिसंबर 2019 के पत्र के आधार पर निकाली गयी. इसके बाद 28 फरवरी 2024 को सभी आवेदकों की लिखित परीक्षा हुई तथा नौ मार्च को 2024 को इसका परिणाम प्रकाशित किया गया. 13 मार्च 2024 को लिखित परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों का पैनल के माध्यम से साक्षात्कार लिया तथा 18 मार्च 2024 को 12 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया. 2 अप्रैल 2024 को संकल्प 10 हजार पर नियुक्त कर्मियों ने अपना योगदान दिया तथा बाद में एक ने इस्तीफा दे दिया. बताया कि पूर्व में वेतन निर्धारण नहीं होने के कारण लगभग पांच महीने तक कोई वेतन भुगतान नहीं किया गया. अगस्त 2024 में 72 हजार रुपये आंशिक भुगतान किया गया तथा अक्तूबर 2024 में दोबारा 54 हजार रुपये व मार्च 2025 में 18 हजार रुपये आंशिक भुगतान किया गया. वहीं अब शिक्षा विभाग से अनुमोदन नहीं मिलने की बात कह मानदेय भुगतान नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब विश्वविद्यालय ने शिक्षा विभाग से संविदा नियुक्ति से संबंधित स्वीकृति ही प्राप्त नहीं की, तो आखिर इन्हें सारी प्रक्रिया पूरी कर बहाल ही क्यों किया गया और यदि विश्वविद्यालय ने इन्हें प्रक्रियाओं का पालन करते हुए नियुक्त किया, तो मानदेय पाना उनका अधिकार है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है