मुंगेर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सह मंत्री आयुषी गुप्ता ने कहा की इतने बड़े दीक्षांत समारोह का आयोजन बिना सिंडिकेट बैठक कराए हुए किया जाना कहीं न कहीं वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है. यहां तक कि दीक्षांत समारोह का भी ऑडिट नहीं किया गया. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विक्की आनंद यादव ने कहा कि पूरे बिहार में सबसे अधिक दीक्षांत समारोह का शुल्क मुंगेर विश्वविद्यालय का है. जबकि मुंगेर विश्वविद्यालय का क्षेत्र पिछड़ा हुआ है. यहां के छात्र गरीब, मजदूर, किसान के बच्चे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए दीक्षांत समारोह का शुल्क कम रखना चाहिए. 2500 दीक्षांत शुल्क रहने के कारण हजारों छात्र इस समारोह में आर्थिक वजह से सम्मिलित होने से वंचित रह गए. स्थापना के 7 साल बीत जाने के बाद भी जमीन अधिग्रहण न करवाना, विश्वविद्यालय की एक भी महाविद्यालय में नेक की ग्रेडिंग न होना, वोकेशनल कोर्स, तकनीकी शिक्षा व बीएड की पढ़ाई की व्यवस्था अभी तक न कर पाना मुंगेर विश्वविद्यालय की नाकामी को दर्शाता है. मौके परअंकित कुमार, पूर्व प्रदेश मंत्री भारत सिंह जोशी, विभाग संयोजक सुभाष मंडल, डीजे कॉलेज अध्यक्ष अंकित कुमार उपस्थित थे.
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