धरहरा. राज्य सरकार की ओर से करोड़ों की लागत से धरहरा प्रखंड मुख्यालय में नया प्रखंड सह अंचल कार्यालय बनाया गया है. जहां एक ही छत के नीचे प्रखंड स्तरीय सभी कार्यालय का संचालन होना है. लेकिन नियमों को ताख पर रखकर धरहरा के सीडीपीओ बाल विकास परियोजना कार्यालय को भाड़े के भवन में ही संचालित कर रहे. यहां तक कि स्थानीय बीडीओ के बार-बार पत्र देने के बावजूद सीडीपीओ का रवैया सरकार को नुकसान पहुंचा रहा है.
किराये के भवन में कार्यालय का हो रहा संचालन
धरहरा बाल विकास परियोजना कार्यालय आज भी किराए के मकान में संचालित हो रहा है. जिसके कारण मकान भाड़ा के रूप में सरकार को राजस्व की भी क्षति हो रही है. धरहरा प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार ने भी इस संदर्भ में तीन बार लिखित पत्राचार किया और मौखिक रूप से भी आग्रह किया कि सीडीपीओ कार्यालय को सरकारी भवन में स्थानांतरित किया जाए. लेकिन सीडीपीओ अपने कार्यालय को नियमानुसार प्रखंड सह अंचल कार्यालय के नवनिर्मित भवन में ले जाने को तैयार नहीं है.
आठ महीने पहले उठा था मुद्दा, फिर भी कोई प्रभाव नहीं
धरहरा पंचायत समिति की बैठक में करीब आठ माह पहले इस मसले को सदस्यों द्वारा डजोर शोर से उठाया गया था. सभी ने एक स्वर में कहा था कि जब सरकारी भवन उपलब्ध है, तो किराए के मकान में कार्यालय क्यों संचालित हो रहा है. लेकिन आज तक सीडीपीओ कार्यालय को शिफ्ट नहीं किया गया. वहीं जब सीडीपीओ अमृता कुमारी से इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा शीघ्र ही कार्यालय को प्रखंड मुख्यालय के सरकारी भवन में स्थानांतरित किया जाएगा.
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