जमालपुर. आनंद मार्गियों ने बुधवार को दधीचि दिवस मनाया. आनंद मार्ग प्रचारक संघ के केंद्रीय जनसंपर्क संजीव आचार्य कल्याणमित्रानंद अवधूत ने बताया कि 5 मार्च 1967 को पश्चिम बंगाल के आनंद नगर पुरुलिया में आनंद मार्ग के सन्यासियों और अनुयायियों पर कम्युनिस्ट वर्ग ने हमला कर दिया था. जिसमें आनंद मार्ग के आचार्य आवेदानंद अवधूत, आचार्य सच्चिदानंद अवधूत के अतिरिक्त अनुयाई भारत कुमार, प्रभास कुमार और अवधेश कुमार की मौत हो गयी थी. उन्होंने बताया कि हमलावरों का इरादा था कि आनंद मार्ग प्रचारक संघ के संस्थापक महासंभूति बाबा आनंद मूर्ति की हत्या कर आनंद मार्ग को खत्म कर दिया जाए. इसके बाद सद्गुरु ने 5 मार्च को विशेष दधीचि दिवस के रूप में तय किया है, ताकि उन सभी भगवत धर्म व आदर्शों के रक्षा हेतु अपना जीवन उपसर्ग करने वाले दधीचों को याद कर श्रद्धांजलि दी जाए. दधीचि दिवस के अवसर पर उन सभी दधिचियों के सम्मान श्रद्धा एवं याद में 12 घंटे उपवास किया जाता है. उन्होंने बताया कि दधीचि दिवस के मौके पर आनंद संभूति मास्टर यूनिट अमझर कोल काली और वलीपुर स्थित आनंद मार्ग प्रचारक संघ आश्रम में तीन घंटे का बाबा नाम केवलम कीर्तन का आयोजन किया गया. बाबा नाम केवलम अनन्य भाव का कीर्तन है. जो जड़ वास्तु के प्रति विशेष आकर्षण को काम करता है.
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