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स्पीडी ट्रायल हमारा मौलिक अधिकार : चीफ जस्टिस

मुंगेर में 1.56 करोड़ की लागत से बने एडीआर भवन का न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी ने किया उद्घाटन मुंगेर : पटना उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी ने कहा है कि स्पीडी ट्रायल हमारा मौलिक अधिकार है. आपराधिक मामलों से लेकर सिविल सूट तक के मामले में समय सीमा निर्धारण का […]

मुंगेर में 1.56 करोड़ की लागत से बने एडीआर भवन का न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी ने किया उद्घाटन

मुंगेर : पटना उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी ने कहा है कि स्पीडी ट्रायल हमारा मौलिक अधिकार है. आपराधिक मामलों से लेकर सिविल सूट तक के मामले में समय सीमा निर्धारण का सिस्टम बननी चाहिए. आज नये-नये कानून बनाये जा रहे हैं. लेकिन कोर्ट को इंप्रूव नहीं किया जा रहा.
इससे मुकदमों का स्पीडी ट्रायल नहीं हो पा रहा है. वे रविवार को मुंगेर में विधिक सेवा सदन के उद्घाटन के मौके पर नगर भवन में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सह बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के एक्सक्यूटिव चेयरमैन हेमंत गुप्ता मुंगेर न्याय मंडल के निरीक्षी न्यायाधीश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार सिंह एवं न्यायमूर्ति श्रीमती नीलू अग्रवाल मुख्य रूप से मौजूद थे.
न्याय के लिए समय सीमा तय हो : कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी ने कहा कि लॉ सोसाइटी के साथ चलता है. हमारा मेकनिज्म ऐसा होना चाहिए जिससे कानून के प्रति लोगों का विश्वास कायम रहे. यह जरूरी है कि आपराधिक मुकदमों से लेकर टाइटल
स्पीडी ट्रायल हमारा…
सूट, मनी सूट जैसे मुकदमों में न्याय के लिए समय सीमा तय हो. उन्होंने कहा कि हमारे सिस्टम में कानून बनाते समय उसके प्रभाव पर ध्यान नहीं दिया जाता. आज कानून तो बनाये जा रहे लेकिन उसकी सुनवाई के लिए न्यायिक पदाधिकारियों की व्यवस्था नहीं हो रही. जिसके कारण त्वरित न्याय व्यवस्था भी कायम नहीं हो पा रही.
त्वरित न्याय का बाइपास सिस्टम है एडीआर सिस्टम
उन्होंने न्यायिक व्यवस्था में एडीआर सिस्टम को काफी उपयोगी बताया जो त्वरित न्याय का बाइपास सिस्टम है. एडीआर अर्थात अल्टरनेटिव डिस्टीब्यूट रिजोलेशन के माध्यम से लोगों को पारिवारिक मामले, श्रम मामले, बैंक, बीमा जैसे मुकदमों में त्वरित न्याय मिलेगा. इसके लिए जरूरी है आम लोगों में जागरूकता आये और वार एसोसिएशन लोगों में इसके प्रति विश्वास पैदा करे. इस मौके पर उन्होंने मुंगेर न्यायालय परिसर में 1 करोड़ 56 लाख की लागत से बने एडीआर भवन का लोकार्पण किया. इस अवसर पर राज्य के विधि सचिव संजय कुमार सिंह, महाधिवक्ता विनोद कुमार सिन्हा, बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्य सचिव ओमप्रकाश, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा सिन्हा, जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक आशीष भारती मुख्य रूप से मौजूद थे.

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