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शराबबंदी, तो कैसी बरामदगी

लापरवाही . शराब के काले कारोबार में प्रशासनिक अमले पर सवाल राज्य में पूर्ण शराबबंदी के एक माह बाद भी जिस तरह से मुंगेर के मुफस्सिल थाना व जमालपुर की इस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र में भारी मात्रा में विदेशी व देसी शराब बरामद हुई, उससे कई सवाल उत्पन्न हो रहे हैं. पहला यह कि खुफिया […]

लापरवाही . शराब के काले कारोबार में प्रशासनिक अमले पर सवाल

राज्य में पूर्ण शराबबंदी के एक माह बाद भी जिस तरह से मुंगेर के मुफस्सिल थाना व जमालपुर की इस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र में भारी मात्रा में विदेशी व देसी शराब बरामद हुई, उससे कई सवाल उत्पन्न हो रहे हैं. पहला यह कि खुफिया विभाग व पंचायत में तैनात चौकीदार कहां थे? दूसरा संबंधित थाना व उत्पाद विभाग की इस काले कारोबार में क्या भूमिका रही. क्योंकि एक लंबे समय तक व्यापक स्तर पर शराब का कारोबार चलता रहा है. और सबसे बड़ा सवाल यह कि शराबबंदी है तो फिर बरामदगी कैसे हो रही है?
मुंगेर : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महुली गांव में तीन दिनों तक छापेमारी अभियान चलाया गया. जिसमें लगभग 27 हजार विदेशी शराब की बोतलें बरामद की गयी. जबकि जमालपुर के मुंगरौड़ा में छापेमारी कर 1400 देशी शराब की बोतलें बरामद हुआ. पुलिस का कहना है कि यह शराब पूर्व लाइसेंसी महुली निवासी किशोर यादव एवं मुंगरौड़ा के कुंदन कुमार द्वारा स्टॉक कर रखा गया था. जिसको कालाबाजारी में बेचा जा रहा था.
इस कारोबार को संगठित गिरोह द्वारा संचालित किया जा रहा था. जिसमें दर्जन भर लोग शामिल थे. इसका खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने दो नंबर गुमटी के समीप एक रिक्शा चालक को 81 बोतल शराब के साथ गिरफ्तार किया था.
तय नहीं हो पा रही जिम्मेदारी .
नीतीश कुमार ने बिहार में पूर्ण शराब बंदी के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया था कि अब शराब के अवैध कारोबार के लिए जिम्मेदारी तय होगी. लेकिन अबतक जिम्मेदारी तय नहीं हो पा रही.

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