छत से टूट- टूट कर गिर रहा प्लास्टर, ऑपरेशन थियेटर भी नहीं है सुरक्षित
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बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा आइ हॉस्पिटल
छत से टूट- टूट कर गिर रहा प्लास्टर, ऑपरेशन थियेटर भी नहीं है सुरक्षित मुंगेर : सदर अस्पताल में एक संस्था द्वारा इस उद्देश्य से आई हॉस्पिटल का निर्माण कराया गया कि मोतियाबिंद मरीजों का सहजता से नि:शुल्क ऑपरेशन हो सके. इसके लिए संस्था द्वारा लाखों रुपये की सामग्री भी उपलब्ध करायी गयी. किंतु वर्तमान […]
मुंगेर : सदर अस्पताल में एक संस्था द्वारा इस उद्देश्य से आई हॉस्पिटल का निर्माण कराया गया कि मोतियाबिंद मरीजों का सहजता से नि:शुल्क ऑपरेशन हो सके. इसके लिए संस्था द्वारा लाखों रुपये की सामग्री भी उपलब्ध करायी गयी. किंतु वर्तमान समय में आई हॉस्पिटल बदहाली के दौर से गुजर रहा है. हाल यह है कि हॉस्पिटल के छत का प्लास्टर टूट- टूट कर लगातार गिर रहा है. जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है.
जर्जर हो चुका है भवन
आई हॉस्पिटल का पूरा भवन काफी जर्जर हो चुका है. नेत्र रोग विशेषज्ञ कक्ष के छत का प्लास्टर बुरी तरह झर कर गिर चुका है. जिसके कारण छत में लगे छड़ उभर कर बाहर हो चुके हैं. हल्का हवा का झोंका आने पर छत से बालू के कण छड़ने लगते हैं. जबकि यहां मरीजों के आंख का जांच किया जाता है. बालू का छड़ना मरीजों के आंख के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. वहीं ऑपरेशन थियेटर में भी कुछ ऐसा ही हाल है. यहां न सिर्फ मरीज बल्कि चिकित्सक व मेडिकल स्टाफ भी हमेशा दहशत में रहते हैं.
बरसात में छत से टपकता है पानी
आई हॉस्पिटल इतना जर्जर हो चुका है कि बरसात के दिनों में भवन के भीतर खड़ा रहना भी मुश्किल सा हो जाता है. छत में कई जगहों पर दरारें आ जाने के कारण छत से बारिश का पानी टपकने लगता है. उस समय मरीजों के आंख का ऑपरेशन करना तो दूर जांच करना भी काफी मुश्किल हो जाता है. वहीं चिकित्सकीय सामग्रियों को पानी से बचाने के लिए उन्हें प्लास्टिक से ढकना पड़ जाता है.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि भवन की मरम्मती के लिए भवन निर्माण विभाग को लिखा गया है.
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