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सरस्वती पूजा की धूम, घर-मुहल्ले स्थापित की जा रही प्रतिमा सरस्वती पूजा को लेकर बाजारों में उमड़ी भीड़, तैयारी पूरी मुंगेर : सरस्वती पूजा की तैयारी को लेकर शुक्रवार को बाजार में भारी भीड़ उमड़ पड़ी. कहीं फलों की खरीदारी को लेकर भीड़ लगी थी तो कहीं पूजन सामग्री के खरीदारी के लिए लोगों को […]

सरस्वती पूजा की धूम, घर-मुहल्ले स्थापित की जा रही प्रतिमा
सरस्वती पूजा को लेकर बाजारों में उमड़ी भीड़, तैयारी पूरी
मुंगेर : सरस्वती पूजा की तैयारी को लेकर शुक्रवार को बाजार में भारी भीड़ उमड़ पड़ी. कहीं फलों की खरीदारी को लेकर भीड़ लगी थी तो कहीं पूजन सामग्री के खरीदारी के लिए लोगों को घंटों दुकान में बैठ कर इंतजार करना पड़ रहा था. वहीं पूजा के लिए प्रतिमाओं की खरीदारी के लिए युवा वर्ग को काफी उत्साहित देखा गया. शहर के एक नंबर ट्रैफिक से पूरबसराय, गोला रोड, टैक्सी स्टैंड के समीप ठेले पर लदे फलों से पूरा बाजार पट गया था. एक भी फल विक्रेता को फुरसत नहीं था. खास कर गाजर, मिश्रीकंद, बेर व केला के दुकान पर तो ग्राहकों की भीड़ कम ही नहीं हो रही थी.
सरस्वती पूजा को लेकर जहां विभिन्न पूजा समितियों द्वारा शहर के अलग-अलग भागों में पूजा पंडाल बनाये गये हैं और उन पंडालों को सजाने-संवारने का काम आज भर दिन होता रहा. वहीं विद्यालयों व कोचिंग संस्थानों में सरस्वती की व्यापक तैयारी की गयी है. विद्यालय की छात्र-छात्राएं पूजा को लेकर काफी उत्सुक है. दूसरी ओर बड़ी संख्या में छात्र अपने घरों में भी पूजा की तैयारी कर रहे हैं. घरों में भी छोटे-छोटे बच्चों द्वारा फोटो या छोटे-छोटे मूर्ति बैठा कर मां की भक्ति में लीन दिख रहे हैं.
देर शाम तक प्रतिमाओं की होती रही खरीदारी. सरस्वती पूजा में प्रतिमाओं का विशेष महत्व है. शहर के लल्लू पोखर, सुभाष नगर, पूरबसराय, सफियाबाद सहित अन्य स्थानों पर माता सरस्वती के विभिन्न आकार की प्रतिमाएं बनायी गयी. जिसकी खरीदारी के लिए श्रद्धालु सुबह से ही मूर्तिकार के पास पहुंच गये थे.
प्रतिमाओं में बांकी के निर्माण कार्य को पूरा करवाने के लिए खरीदारों को काफी समय देना पड़ रहा था. हाल यह रहा कि देर शाम तक प्रतिमाओं की खरीदारी होती रही और युवा प्रतिमाओं को लेकर अपने निर्धारित स्थान पर जाते रहे.
ठेला चालकों की रही चांदी. प्रतिमाओं को पूजा स्थल तक ले जाने के एक मात्र साधन ठेला ही था. जिसके माध्यम से श्रद्धालु प्रतिमाओं को ले जा रहे थे. किंतु शुक्रवार को ठेला चालकों की चांदी रही. सामान्य दिनों में ठेला चालक जितनी दूरी के लिए 50 रुपये लेते हैं, ठीक उतनी ही दूरी तक प्रतिमा को ले जाने के लिए ठेला चालक 100 रुपये ले रहे थे.

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