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फर्जीवाड़ा : पांच संगीत शिक्षकों की सेवा समाप्त

मुंगेर : फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने वाले पांच नियोजित संगीत शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गयी है. जिला परिषद शिक्षक नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी रामेश्वर पांडेय ने यह कार्रवाई की है. इन लोगों पर मैट्रिक एवं प्रभाकर की डिग्री एक साथ करने का आरोप है. जिला परिषद शिक्षक नियोजन […]

मुंगेर : फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने वाले पांच नियोजित संगीत शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गयी है. जिला परिषद शिक्षक नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी रामेश्वर पांडेय ने यह कार्रवाई की है. इन लोगों पर मैट्रिक एवं प्रभाकर की डिग्री एक साथ करने का आरोप है.

जिला परिषद शिक्षक नियोजन इकाई द्वारा 15 अक्टूबर 2016 को संगीत शिक्षक पद का नियुक्ति पत्र बांटा गया था. नियोजन के बाद आकाश कुमार सेन को हाई स्कूल अदलपुर अमारी धरहरा, गौतम कुमार सिंह को महावीर चौधरी उच्च विद्यालय शांति नगर तारापुर, अनूपम कुमार रामानंद स्मारक उच्च विद्यालय धरहरा, दिपीका कुमारी फिलीप उच्च विद्यालय बरियारपुर एवं कृष्ण कुमार यादव को कृत्यानंद विद्या मंदिर उच्च विद्यालय कुमरसार संग्रामपुर में तैनात किया गया.
जब इनके द्वारा जमा किये गये सर्टिफिकेट की जांच की गयी तो पाया गया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रभाकर का जो सर्टिफिकेट जमा किया गया वह उसी वर्ष का है जिस वर्ष अभ्यर्थियों ने मैट्रिक पास किया था. जिला परिषद शिक्षक नियोजन इकाई के सचिव ने इन पांचों अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण पूछा था कि क्या मैट्रिक परीक्षा बिना पास किये प्रभाकर की परीक्षा दिया जा सकता है. अभ्यर्थियों ने स्पष्टीकरण के जबाव में कहा कि हां ऐसा नियम है. जिसके बाद पुन:
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूछा गया कि क्या मैट्रिक उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र दिये बगैर प्रभाकर की परीक्षा दिया जा सकता है. जिस पर विश्वविद्यालय ने सीधे तौर पर जबाव दिया कि ऐसा संभव नहीं है. जिसके आधार पर जिला परिषद शिक्षक नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी रामेश्वर पांडेय ने तत्काल पांचों नियोजित संगीत शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया.
पांच फर्जी नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त . जिप नियोजन इकाई द्वारा 15 अक्तूबर 2016 को संगीत शिक्षकों के बीच नियोजन पत्र बांटे गये. साथ ही उनके द्वारा दिये गये सर्टिफिकेट की जांच भी प्रारंभ किया गया. जांच के दौरान पाया गया कि कुछ अभ्यर्थी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रयाग संगीत समिति कॉलेज से प्रभाकर की डिग्री जमा किया. जिसके अवलोकन से पता चला कि एक ही वर्ष मैट्रिक एवं प्रभाकर परीक्षा पास का सर्टिफिकेट जमा है.
हाई स्कूल अदलपुर अमारी में पदस्थापित आकाश कुमार सेन ने वर्ष 1998 में दोनों परीक्षा पास का प्रमाण जमा किया. जबकि महावीर चौधरी उच्च विद्यालय शांतीनगर तारापुर के गौतम कुमार सिंह ने 1994, कुमार रामानंद स्मारक उच्च विद्यालय धरहरा के अनूपम ने 2000 एवं फिलिप उच्च विद्यालय बरियारपुर में पदस्थापित दीपिका कुमारी ने 1996 में मैट्रिक व प्रभाकर पास का प्रमाण पत्र सौंपा. जबकि कृत्यानंद विद्या मंदिर उच्च विद्यालय कुमरसार में पदस्थापित कृष्ण कुमार यादव ने 1995 का मैट्रिक प्रमाण पत्र व 1994 में प्रभाकर पास करने का प्रमाण पत्र दिया.
जिस इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने प्रमाण पत्र जारी किया उसके रजिस्ट्रार से साफ तौर पर नियोजन इकाई को भेजे अपने पत्र में कहा कि बिना मैट्रिक उत्तीर्ण प्रमाण पत्र जमा किये हुए प्रभाकर की परीक्षा देना संभव नहीं है. एडमिशन के समय ही प्रमाण की छाया प्रति ली जाती है. जिसके बाद नियोजन इकाई ने पांचों शिक्षकों को सेवा से मुक्त कर दिया गया.
पूर्व में 9 फर्जी शिक्षकों की हो चुकी है सेवा समाप्त. जिप नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी रामेश्वर पांडेय ने पूर्व में भी फर्जी बीएड की डिग्री पर नौकरी करने वाले 9 शिक्षकों का नियोजन रद्द किया है. इसमें धरहरा प्रखंड के हाइस्कूल अदलपुर अमारी की अंगरेजी शिक्षिका विनीता आनंद, हाइस्कूल मासूमगंज असरगंज के गणित शिक्षक मुकेश कुमार,
उच्च विद्यालय लडूई हवेली खड़गपुर के गणित शिक्षक कृष्णानंद शर्मा व एसबीआरआइ प्रोजेक्ट कन्या हाइस्कूल संग्रामपुर के सामाजिक विज्ञान के शिक्षक दिलीप कुमार, उत्क्रमित माध्यमिक मध्य विद्यालय बोचाही में पदस्थापित बांका जिला के शंभुगंज निवासी हिमांशु कुमार, उत्क्रमित माध्यमिक मध्य विद्यालय अग्रहण हवेली खड़गपुर में पदस्थापित मुंगेर शहर के बेलन बाजार निवासी शरद, उच्च विद्यालय अदलपुर अमारी धरहरा रणधीर कुमार व आरएन रामानंद उच्च विद्यालय रणगांव तारापुर के सुबंधु सौरभ शामिल है. जबकि एक संगीत शिक्षक का भी नियोजन रद्द कर दिया गया. नियोजन के समय अभ्यर्थी ने अंक बढ़ा कर प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. जांच में प्रमाण पत्र फर्जी साबित होने के बाद स्वर सुधा हंस का नियोजन रद्द कर दिया गया. वह उच्च विद्यालय बैजलपुर, खड़गपुर में पदस्थापित था.
कहते हैं डीडीसी
जिप नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी रामेश्वर पांडेय ने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र पर नियोजन पत्र पाने वाले अभ्यर्थी को किसी भी परिस्थिति में नौकरी नहीं करने दिया जायेगा. जैसे-जैसे जांच में फर्जी प्रमाण पत्र का मामला सामने आ रहा है. वैसे-वैसे उन नियोजित शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त किया जा रहा है. अब तक 14 नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है.

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