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Motihari: फिजियोथेरेपी को मिली पहचान, नाम के आगे डॉ लगाने का मिला अधिकार

फिजियोथेरिपिस्ट को मरीजों के उपचार के लिए अब किसी रेफरेंस की आवश्यकता नहीं है.

Motihari: मोतिहारी. फिजियोथेरिपिस्ट को मरीजों के उपचार के लिए अब किसी रेफरेंस की आवश्यकता नहीं है. फिजियोथेरेपिस्ट एक प्राइमरी कंसल्टेंट के रूप में स्वतंत्र होकर काम कर सकते हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय के एनसीएएचपी द्वारा जारी फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम पुस्तिका में फिजियोथेरेपिस्ट के नाम के आगे डॉ लिखने के अधिकार को दर्ज किया है. योग्य फिजियोथेरेपिस्ट अब अपने नाम के आगे डॉ और नाम के बाद पीटी लिखेंगे. जिसका उद्देश्य फिजियोथेरेपी पेशे को गरिमा और मान्यता प्रदान करना है. उक्त बातें मोतिहारी फिजियोथेरेपी एसोसिएशन के पदाधिकारी सह चिकित्सक डॉ अमरेश महर्षि ने कहा. वे शहर के आइएमए भवन में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे. कहा कि यह निर्णय न केवल फिजियोथेरेपी पेशे को सम्मान दिलाएगा बल्कि आम नागरिकों के बीच इसकी उपयोगिता और आवश्यकता को भी उजागर करेगा. मौके पर जिले भर से जुटे फिजियोथेरपिस्टों ने एसोसिएशन के बैनर तले केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते कहा कि यह सिर्फ एक उपसर्ग नहीं है, बल्कि वर्षों की मेहनत, संघर्ष और समर्पण का सम्मान है. सभी ने एक स्वर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीएएचपी की अध्यक्ष डॉ. यज शुक्ला के प्रति अभार प्रकट किया. कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलित कर वरीय फिजियोथेरिपी चिकित्सक डॉ प्रेम कुमार, डॉ उमेंश चंद्रा, डॉ आनंद रंजन व डॉ आधुरी रंजन ने संयुक्त रूप से किया. डॉ उमेश चंद्रा ने कहा कि केंद्र सरकार की यह पहल देशभर के फिजियोथेरेपिस्टों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने की शुरुआत है. यह निर्णय न केवल फिजियोथेरेपी पेशे को सम्मान दिलाएगा बल्कि आम नागरिकों के बीच इसकी उपयोगिता और आवश्यकता को भी उजागर करेगा. कहा कि यह एक ऐसा कदम है, इससे सामाजिक और स्वास्थ्य क्षेत्र में फिजियोथेरेपिस्टों की भूमिका को नई पहचान मिलेगा. डॉ आनंद रंजन ने एनसीएएचपी द्वारा जारी अधिसूचना की चर्चा करते कहा कि फिजियोथेरेपी में नीट परीक्षा पास करने वाले छात्र ही अब दाखिला ले सकेंगे. पाठ्यक्रम में सुधार से शिक्षा का स्तर भी मजबूत होगा. यह नया पाठ्यक्रम देशभर के फिजियोथेरेपी कॉलेजों के लिए नया पाठ्यक्रम, न्यूनतम शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे का मानक तय करेगा. डॉ माधुरी रंजन ने कहा कि पाठ्यक्रम में बीपीटी डिग्री को क्लीनिकल और अकादमिक पदोन्नति के लिए अनिवार्य माना गया है. इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि छात्रों को एक मजबूत और स्पष्ट करियर पथ भी मिलेगा. मौके पर दर्जनों की संख्या में फिजियोथेरेपिस्ट चिकित्सकगण उपस्थित रहे.

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