बंजरिया. मौसम के बदले मिजाज को देख प्रखंड क्षेत्र के किसान काफी चिंतित हैं. दिन में तापमान में बढ़ोतरी होते ही लाही कीट का प्रकोप बढ़ने लगा है. खेतों में लहलहा रही सरसों की फसल पर लाही कीट का प्रभाव काफी ज्यादा बढ़ गया है, किसानों के द्वारा दवा – छिड़काव के बावजूद कम नहीं हो रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि दोरस हवा चलने की वजह से लाही का प्रकोप काफी बढ़ रहा है. ऐसे में तेलहनी व दलहनी फसलो पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने को लेकर किसान असहज महसूस कर रहे हैं. लाही कीट सरसों व तोरी के पौधे में लगे फल व फूल को खा रहे हैं. इससे सरसों की उपज में 20 प्रतिशत से ज्यादा की कमी हो सकती है. लाही कीट से निजात पाने के लिए किसान इमीडाक्लोरोपीड नामक कीटनाशक का प्रयोग तो कर रहे हैं, किसान मुन्ना सिंह, शब्बीर आलम, रेयाजुल हक मिठ्ठू सहित अन्य किसान ने कहा कि कीटनाशक का छिड़काव करने के बावजूद लाही कीड़ा का प्रभाव कम नहीं हो रहा है. हालांकि जिन किसानों ने सरसों की अगात बोआई की है, उनकी फसल में दाने आ गये हैं. वहीं देर से बोआई की गयी सरसो के पौधों में अभी फूल ही लगे हैं.
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