Motihari : इन्तेजारूल हक, मोतिहारी.अमेरिका की स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जीरो जी मिशन में पूर्वी चंपारण के लाल मो.शिब्ली रेजा ने अपनी प्रतिभा का शानदार नमूना पेश किया है. 27 अप्रैल से पांच मई तक चले ज़ीरो-जी मिशन व गुरुत्व हीनता में वैज्ञानिक प्रयोग में शामिल होकर विज्ञान एवं शोध के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनायी है. प्रसिद्ध अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ जैब चुंग के निर्देशन में नासा के ज़ीरो-ग्रैविटी बॉयलिंग हीट ट्रांसफर प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं, जो अंतरिक्ष में ऊर्जा प्रबंधन और जीवन समर्थन प्रणालियों के लिए अत्यंत आवश्यक है.
नासा का जीरो जी मिशन, जिसे जीरो ग्रेविटी रिसर्च फैसिलिटी भी कहा जाता है, पृथ्वी पर शून्य गुरुत्वाकर्षण वातावरण का अनुसरण करती है. इस मिशन की सफलता ने अंतरिक्ष विज्ञान में नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं और भारत की युवा प्रतिभा को एक बड़ा सम्मान मिला है. पूर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा प्रखंड के भेड़िहारी निवासी मो. शिब्ली अमेरिका यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा में हैं शोधार्थी हैं और बचपन से ही अनुसंधान के प्रति विशेष रुझान रखते हैं.चीन के हार्बिन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रहे हैं छात्र
मो. शिब्ली चीन के हार्बिन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और दक्षिण कोरिया की क्यूंग ही यूनिवर्सिटी के छात्र रह चुके हैं. उनके पिता वरिष्ठ अधिवक्ता मो. मुर्तूजा अली व बड़े भाई अधिवक्ता मो. क़ैसर रेज़ा ने बताया कि कोराना काल में शिब्ली चीन से लौटे थे और उसके बाद दक्षिण कोरिया गये. अभी अमेरिका यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा में शोधार्थी के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है