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Motihari :नक्सल प्रभावित रहा मधुबन अब बनेगा विकास का मॉडल, नगर पंचायत घोषित

बिहार सरकार ने पूर्वी चंपारण जिले के मधुबन को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया है.

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Motihari : मधुबन/ पटना. बिहार सरकार ने पूर्वी चंपारण जिले के मधुबन को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया है. नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मधुबन बिहार का 262वां नगर निकाय बन गया है. इसके साथ ही राज्य में नगर पंचायतों की संख्या बढ़कर 155 हो गयी है. पुराना नक्सल प्रभावित क्षेत्र मधुबन को नगर पंचायत का दर्जा मिलना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

नवगठित मधुबन नगर पंचायत में विशुनपुरतारा और मधुबन दो गांव शामिल किये गये हैं. इसका कुल क्षेत्रफल 552.94 हेक्टेयर है, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 16,391 है. नगर पंचायत की सीमाएं उत्तर में बांकी टिकम, दक्षिण में कोइलहरा, पूरब में सरैया और पश्चिम में तालिमपुर तक विस्तारित हैं.

नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने मधुबन को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब इस क्षेत्र में शहरी सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा. उन्होंने कहा कि , राज्य में शहरीकरण तेजी से हो रहा है और सरकार इन नवगठित नगर क्षेत्रों को बेहतरीन आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

मधुबन को नगर पंचायत बनाए जाने से इस क्षेत्र में सड़क, स्ट्रीट लाइट, जलापूर्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाजार जैसी सुविधाएं बेहतर होंगी़ स्थानीय निवासियों को अब शहरी जीवनशैली के अनुरूप बुनियादी सेवाएं मिलने की उम्मीद है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को नया आयाम मिलेगा.

लंबी कानूनी लड़ाई और राजनीतिक इच्छाशक्ति के बाद मिला नगर पंचायत का दर्जा

पूर्वी चंपारण का मधुबन कभी नक्सल प्रभावित इलाका माना जाता था़ पिछड़ेपन और अविकसित आधारभूत संरचनाओं के बीच घिरे इस क्षेत्र को अब नगर पंचायत का दर्जा मिलना सामाजिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है. बिहार में 2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेतरिया की एक जनसभा में मधुबन, पकड़ीदयाल और मेहसी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई शुरू हुई और 2007 में अधिसूचना भी जारी कर दी गयी, लेकिन जहां पकड़ीदयाल और मेहसी को नगर पंचायत का दर्जा मिला, वहीं, मधुबन का मामला पटना हाइकोर्ट में चली याचिका के कारण स्थगित हो गया. लगभग डेढ़ दशक तक यह मामला अधर में रहा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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