Motihari: मोतिहारी.सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसइ) ने नयी शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए 10 वीं और 12 वीं के सिलेबस में बड़े बदलाव किये हैं. इसको लेकर अधिकतर संबंध स्कूलों की टेंशन बढ़ी है. मिली जानकारी के अनुसार 10 वीं के विद्यार्थी 2025-26 से साल में दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे. पहली बार परीक्षा फरवरी में और दूसरी अप्रैल में होगी. कक्षा 12 की परीक्षा पहले की तरह साल में एक बार ही होगी. इससे पढ़ाई के तरीके आसान होंगे और छात्र-छात्राओं को स्किल डेवलपमेंट का मौका मिलेगा. नये सिलेबस में 10 वीं के छात्र-छात्राओं के लिए एक स्किल बेस्ड विषय अनिवार्य कर दिया गया है. सीबीएसइ ने सभी स्कूलों को नया पाठ्यक्रम लागू करने के निर्देश दिये हैं. सीबीएसइ ने स्कूलों को बोर्ड के नये सिलेबस के अनुसार विषयों की पढ़ाई होगी. सीबीएसइ का मानना है कि बदलावों से विद्यार्थियों में रटने की आदत कम होगी और चीजों को बेहतरीन तरीके से समझ सकेंगे. छात्र-छात्राओं के अध्ययन के लिए नयी रणनीति अपनायी जायेगी.
10वीं में कंप्यूटर से जुड़ा कौशल सीखना होगा
जिला को-ऑडिनेटर ने बताया कि 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए एक नया नियम जोड़ा गया है. उन्हें तीन स्किल-आधारित विषय कंप्यूटर एप्लीकेशन, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में से किसी एक का चुनाव करना होगा. यानी बच्चों को कंप्यूटर से जुड़ा कोई एक कौशल सीखना होगा.अंग्रेजी या हिंदी में से किसी एक को चुनना होगाभाषा विषय के तौर पर अंग्रेजी या हिंदी में से किसी एक को चुनना होगा. वे इसे कक्षा 9 या 10 में पढ़ सकते हैं. अगर कोई छात्र गणित, साइंस, सोशल साइंस या किसी भाषा जैसे मुख्य विषय में फेल होता है, तो फाइनल रिजल्ट में पास किये गये स्किल विषय या वैकल्पिक भाषा विषय के साथ इसे बदला जा सकता है. यानी किसी विषय में फेल हो जाते हैं, तो भी पास होने का एक और मौका होगा. शिक्षण के लिए नयी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षक भी अलर्ट रहेंगे.ग्रेडिंग में भी बदलाव
सीबीएसइ ने 10वीं और 12 वीं के लिए ग्रेडिंग क्राइटेरिया में भी बदलाव किया है.अब रिजल्ट बनाने के लिए 9 प्वाइंट ग्रेडिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, जहां अंकों को ग्रेड में परिवर्तित किया जायेगा. कक्षा 12 के छात्र आधारित विषय शामिल किये गये हैं. इनमें लैंड ट्रांसपोर्टेशन एसोसिएट, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर और डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन शामिल हैं. इससे छात्राओं के सिलेबस में चार नये स्किल-प्रैक्टिकल और वोकेशनल स्किल्स को बढ़ावा मिलेगा.
शिक्षण पद्धति में बदलाव
– प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण : विद्यार्थियों को व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के बारे में बताया जायेगा.– शोध आधारित शिक्षा : शोध, विश्लेषण और प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित किया जायेगा.- तकनीकी सक्षम शिक्षा : एआइ आधारित उपकरणों, डिजिटल प्लेटफार्मों और इ-लर्निंग संसाधनों के उपयोग की जानकारी दी जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है