मधुबनी.
अब घर में किन्नर पैदा होने पर किसी मां-बाप को शर्मीदंगी नहीं होगी. जिस तरह बेटा या बेटी मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी बनते हैं. बेहतर शिक्षा पाकर एक किन्नर भी बड़े होकर अपने परिवार की जीविका का साधन बनेंगा. सरकार ने किन्नर समुदाय को शिक्षा एवं सरकारी नौकरी का हकदार बनाकर उन्हें भी समाज का महत्वपूर्ण अंग बनने का अवसर प्रदान किया है. किन्नरों के लिए शैक्षणिक संस्थानों एवं सरकारी सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था की गयी है. उनके उत्थान के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से सुविधा केंद्र भी बनाए गए हैं.सरकारी नौकरी के हकदार बने किन्नर समुदाय के लोग
समाज हर तरह के लोगों से मिलकर बनता है. अलग-अलग लोगों का भिन्न-भिन्न पेशा होता है. जिसका सम्मान करना सबका दायित्व बनता है, लेकिन इसी समाज में रहने वाले किन्नर समुदाय व उनके काम को सम्मान नहीं मिल पाता है. परंतु अब ऐसा नहीं रहेगा. सरकार ने किन्नर समाज को सरकारी नौकरियों का हकदार बनाकर सम्मानपूर्वक जीवन जीने का रास्ता दिखाया है. उनके लिए शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था की है.डॉक्टर इंजीनियर बनकर देश के विकास में सहयोग देंगे किन्नर
एक दिन वह समय भी आएगा जब उनकी जीविका का साधन विभिन्न क्षेत्रों में डिग्रीयां पाकर, डॉक्टर, इंजीनियर बनकर देश की प्रगति में अपना पूरा सहयोग करेंगे. समाज के लोगों को चाहिए कि किन्नर समुदाय के लोगों से चिकित्सक व इंजीनियर की पढ़ाई कर अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें.मिलेगा सभी अधिकार
किन्नर बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है. किन्नर समुदाय के लिए सभी अधिकार दिए गए हैं. लेकिन अभी यह शुरुआत है. इसका स्वागत होना चाहिए. किन्नर को वे सभी अधिकार दिए गए हैं जो समाज के दूसरे लोगों को दिए जा रहे हैं. इससे उन्हें भी गौरव महसूस होगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रभारी सहायक निदेशक आशीष प्रकाश अमन ने कहा कि अब पढ़ाई पूरा करने के बाद किन्नर भी नौकरी कर सकेगी. उनकी पढ़ाई में रुचि को देखते हुए शिक्षा पूर्ण करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है