8.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तंग कोठरी में प्रथम श्रेणी का पशु चिकित्सालय

तकरीबन छह से निर्माणाधीन है इसका मॉडल भवन अंधराठाढी : पशु चिकित्सालय भवन और आवासीय व्यवस्था नहीं रहने के कारण पशु चिकित्सा और पशुधन कल्याण के कार्यक्रम इस प्रखंड फ्लॉप दिखता है. रात्रि प्रहरी और अनुबंध पर एक चिकित्सक के सहारे पशु चिकित्सालय चल रहा है. अंधराठाढी के इस पशु चिकित्सालय को शुरू से ही […]

तकरीबन छह से निर्माणाधीन है इसका मॉडल भवन

अंधराठाढी : पशु चिकित्सालय भवन और आवासीय व्यवस्था नहीं रहने के कारण पशु चिकित्सा और पशुधन कल्याण के कार्यक्रम इस प्रखंड फ्लॉप दिखता है. रात्रि प्रहरी और अनुबंध पर एक चिकित्सक के सहारे पशु चिकित्सालय चल रहा है. अंधराठाढी के इस पशु चिकित्सालय को शुरू से ही प्रथम दर्जा प्राप्त है. विडंबना है कि स्थापना काल से ही अब तक के चार दशकों के सफर में इसको फूस की झोपड़ी या आधा अधूरा घर ही मिलता रहा है. कुछ साल पहले तक यह किराये के एक कच्चे मकान में चलता रहा था. फिलहाल यह एक अर्धनिर्मित सरकारी गोदाम की एक तंग कोठरी में चल रहा है.
कोठरी की लंबाई चौड़ाई दस फुट है. चिकित्सक एवं कर्मी इसमें कायदे से बैठ भी नहीं पाते हैं. दो वर्ष पूर्व विभाग द्वारा कार्यालय को कंप्यूटर सिस्टम मिला था. जगह के अभाव में आज तक यह डिब्बे में बंद है. भवन के अभाव में पशु चिकित्सालय का लक्ष्य पूरा नहीं होने के मद्देनजर भवन निर्माण यहां एक बहुत पुरानी मांग थी. छह साल पूर्व सरकार और विभाग का ध्यान इस पर गया. आवंटन मिला और निर्माण प्रारंभ हुआ. विगत छह साल पहले प्रखंड विकास सह अंचल कार्यालय परिसर में मॉडल पशु चिकित्सा भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ. निर्माण कार्य तेज गति से होता देख लगा कि साल भर के अंदर में कार्य पूर्ण हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक इसके निर्माण की प्राक्कलित राशि 32 लाख रुपये है. भवन निर्माण विभाग द्वारा तय एजेंसी निर्माण कार्य कराती है. इस राशि से पशु चिकित्सालय एवं चिकित्सक का आवास आदि बनना था. इसके निर्माण पर ग्रहण लग गया और अब तक कार्य ठप है. फिलहाल अंधराठाढी के पशु चिकित्सालय में चिकित्सक ,पशुधन सहायक ,पशुपरिचारक एवं आदेशपाल के पद रिक्त है. फिलहाल इस अस्पताल में एक चिकित्सक और रात्रि प्रहरी कार्यरत है.
इस संबंध में प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जितेंद्र कुमार के अनुसार भवन की कमी ,ठप निर्माण कार्य और भवन के अभाव में हो रही असुविधाओं से विभाग परिचित है.
नियमित वेतनमान हमारा अधिकार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें