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मरीजों पर दिखा असर

मधुबनी : नोट बंदी के बाद कई गंभीर मरीज निजी क्लिनिक के बजाय सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं. परिजन अपने मरीज को सदर अस्पताल के आपात कालीन सेवा में भर्ती कर रहे है. तत्पश्चात 500 और 1000 रुपये के नोट के बदले सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करते हुए […]

मधुबनी : नोट बंदी के बाद कई गंभीर मरीज निजी क्लिनिक के बजाय सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं. परिजन अपने मरीज को सदर अस्पताल के आपात कालीन सेवा में भर्ती कर रहे है. तत्पश्चात 500 और 1000 रुपये के नोट के बदले सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करते हुए रुपये के जुगाड़ में बैंक व एटीएम का चक्कर लगा रहे हैं. इमर्जेंसी में उपलब्ध चिकित्सक डाॅ. शैलेंद्र कुमार झा ने बताया कि इस मौसम में जहां मरीजों की संख्या कम होनी चाहिए लेकिन इस समय अधिक मरीज पहुंच रहे है.

पैसे के अभाव में लोग प्रभावित : रविवार को सदर अस्पताल आपात कालीन सेवा में भर्ती हुए जिले के अमादा निवासी चंद्र कांत झा बताते हैं कि दमा व गैस से पीड़ित रोगी हूं. निजी क्लिनिक में उपचार कराना है. लेकिन प्रर्याप्त मात्रा में रुपया नहीं होने के कारण यहां पर इलाज करवा रहे है. मेरा बेटा दिल्ली से पैसे की व्यवस्था कर आज आयेगा. उसके बाद उपचार के लिए किसी निजी क्लिनिक में जायेंगे. वहीं हरूनिया से पीड़ित मरीज के परिजनों द्वारा पैसे की व्यवस्था की जा रही है. पैसे का जुगाड़ होने पर उसे बड़े शहरों में उपचार के लिए ले जायेंगे. इमरजेंसी सेवा के चिकित्सकों ने बताया कि सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक लगभग 37 मरीजों का उपचार किया गया.

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