मधुबनी : बिहार में मधुबनी पुलिस के कारनामों का एक सनसनीखेज मामलाप्रकाश में आया है. छेड़खानी मामले में पांच साल के एकबच्चे पर पुलिस नेन केवल एफआइआर दर्ज की बल्कि जांच के बाद उसपर चार्जशीट भी कर दिया. कोर्टकेसमन पर छह अगस्त को जब आरोपित बच्चेकोलेकर उसके पिता झंझारपुर न्यायालय पहुंचे तो जज हैरान रह गये.
एकदैनिक हिंदी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक न्यायिकपदाधिकारीमानवेंद्र मिश्र ने पहले तो बच्चे को असली आरोपित होने पर संदेह जताया. लेकिन बाद में लौकही पुलिस ओर स्कूल के हेडमास्टर से जवाब तलब किया. मंगलवार को आये पुलिस और हेडमास्टर का जवाब मधुबनी पुलिस की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिये. रिपोर्ट में बच्चे की वर्तमान उम्र सात साल और घटना के समय पांच साल बतायी गयी है.
सात साल से कम उम्र के बच्चे द्वारा किया गया अपराध दंडनीय नहीं
इस खुलासे के बाद पुलिस की जांच पर एक साथ कई सवाल खड़े हो गये हैं. क्योंकि सामान्य नियम है कि सात साल से कम उम्र के बच्चे द्वारा किया गया अपराध दंडनीय नहीं होता है. खुलासे के बाद पुलिस के घर बैठे मामले की जांच करने की पोलखुल गयी है. जानकारों की मानें तो पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच करती और अभियुक्तों की उम्र का सत्यापन करती तो ऐसी गलती होने की संभावना न के बराबर होती.
14 जुलाई 2014 को पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी कर दीथी दाखिल
दरअसल, लौकहीपुलिसने19 मई, 2014 को झिटकी गांव के रामेश्वर यादव के बयान पर बगलगीर पवन यादव समेत पांच लोगों पर मारपीटव महिला के साथ छेड़खानी की एफआइआर दर्ज की थी. इसमें पांच साल का एक बच्चा भी आराेपित था. जांच और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के पर्यवेक्षण में भी पांचों आराेपित दोषी करार दिये गये. मामले में 14 जुलाई 2014 को पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी.