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लापरवाही . मौत से विद्यालय प्रबंधन सवालों के घेरे में, व्यवस्था पर सवालिया निशान

शौचालय ठीक होता तो नहीं जाती जान दूसरा छात्र जीवन और मौत के बीच जूझ रहा है घोघरडीहा : सरकार के लाख प्रयास के बाद भी विद्यालय में शौचालय निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. यदि प्राथमिक विद्यालय बिरौल में शौचालय सही होता तो गुरुवार को एक मासूम की जान नहीं जाती. विद्यालय में […]

शौचालय ठीक होता तो नहीं जाती जान

दूसरा छात्र जीवन और मौत के बीच जूझ रहा है
घोघरडीहा : सरकार के लाख प्रयास के बाद भी विद्यालय में शौचालय निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. यदि प्राथमिक विद्यालय बिरौल में शौचालय सही होता तो गुरुवार को एक मासूम की जान नहीं जाती. विद्यालय में शौचालय दुरुस्त नहीं रहने का खामियाजा गुरुवार को एक तीसरी कक्षा के छात्र को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है. तो दूसरा छात्र जीवन और मौत के बीच जूझ रहा है. दरअसल प्राथमिक विद्यालय बिरौल में कहने को तो दो शौचालय निर्माण किया गया है.
पर शौचालय जाने लायक एक भी नहीं है. यह परेशानी कोई नयी नहीं है. ग्रामीण बताते हैं कि विगत कई सालों से इस विद्यालय में शौचालय की परेशानी है. इसको लेकर कई बार विद्यालय प्रबंधन को बोला गया था. पर विद्यालय प्रबंधन ना तो इस ओर ध्यान दिया और ना ही कोई विकल्प तलाशा गया.
बंद है शौचालय : घटना के बाद लोगों ने विद्यालय के शौचालय को देखा तो वहां ऐसी स्थिति थी कि कोई भी उस शौचालय में नहीं जा सकता था. गंदगी से भरा जा शौचालय जाम था. वहीं छात्रों ने बताया कि कई माह से छात्र बाहर में ही शौच को जाते थे. इस ओर कभी भी विद्यालय प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया.
छात्र प्रियांशु कुमार की मौत ने विद्यालय प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिये है. सबसे अहम मुद्दा यह कि विद्यालय में शौचालय रहने के बाद भी आखिर उसकी साफ सफाई की व्यवस्था या फिर ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं की गयी कि इसमें शिक्षक या फिर छात्र शौचालय नहीं जा पाते थे.
यह परेशानी कोई नयी नहीं थी. फिर विद्यालय प्रबंधन ने इस दिशा में पहल क्यों नहीं किया. सबसे अहम बात यह कि विद्यालय संचालन के समय में छात्र विद्यालय से बाहर कैसे निकले. यदि शिक्षकों से शौच करने को कह कर गये तो फिर विद्यालय प्रबंधन की ओर से ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं किया गया कि छात्र जब विद्यालय के समय में विद्यालय से बाहर निकला तो उसकी सुरक्षा का इंतजाम हो. मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को विद्यालय में छह शिक्षक आये थे.
घटना के बाद भागे शिक्षक : छात्र प्रियांशु की मौत की सूचना मिलते ही ग्रामीण आक्रोशित हो उठे. वहीं घटना होते ही विद्यालय के सभी शिक्षक फरार हो गये. इसमें दो शिक्षकों की बाइक भी छूट गयी. जिसे आक्रोशित ग्रामीणों ने आग के हवाले कर दिया.
सीओ व सहायक अवर निरीक्षक को बनाया बंधक : घटना के बाद गांव पहुचे सीओ व सहायक अवर निरीक्षक को ग्रामीणों को आक्रोश का सामना करना पड़ा.
गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों ने सीओ अशोक गुप्ता व सहायक अवर निरीक्षक मंगल पासवान को बंधक बना लिया. ग्रामीण विद्यालय के सभी शिक्षकों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने व मृतक के परिजन को पांच लाख रूपये मुआवजा दिये जाने की मांग कर रहे थे. समाचार लिखे जाने तक दोनों अधिकारी ग्रामीणों के बंधक बने थे.
ग्रामीणों ने लगाया स्कूल प्रबंधन पर शौचालय ठीक नहीं कराने का आरोप
गांव में पसरा मातमी सन्नाटा
प्रियाशु की मौत से गांव में मामती सन्नाटा पसरा हुआ है. प्रियांशु की मां कंचन देवी का रो रो कर बुरा हाल था. लोग इसे ढांढस बंधाने तो आ रहे थे पर किसी में इतनी हिम्मत नहीं हो रही थी कि इसके आंसू को रोक सके. उसके बहते आंसू और करूण क्रंदन सुन कर कंचन को ढांढस बंधाने जाने वाले खुद रोने लगते. वहीं गांव के लोगों में इस घटना को लेकर आक्रोश व्याप्त था.

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