मधुबनीः रोशनी के त्योहार को प्रदूषण मुक्त बनाने के अभियान में बच्चे जोर शोर से भाग हो रहे हैं. देश के भविष्य ये बच्चे दीये के इस पर्व को खुशनुमा बनाना चाहते हैं.
छोटे छोटे इन बच्चों के मन में अभी से निकल रहे धुएं पटाखों की खलबली उथल पुथल मचा रखी है.
इन बच्चों का स्पष्ट तौर मानना है कि दीवाली में केरोसिन व पटाखों का प्रयोग हमें नहीं करना चाहिए. ये सभी सच्चई क ी जीत के प्रतीक स्वरूप इस पर्व को मनाना चाहते हैं. कृष्णा, मोहित एवं कुंतेश ने बताया कि प्रकाश के इस ऐतिहासिक पर्व को हम साफ सफाई, गणोश लक्ष्मी की पूजा अर्चना के साथ प्रदूषण रहित रूप में मना कर इस वर्ष की दीपावली को अपने मुहल्ले में एक मिसाल बनाना चाहते हैं.
प्रिंस, माधव एवं अब्दुल रहमान ने बताया कि बच्चे पटाखे छोड़ते हैं. इससे आस पास के जगह प्रदूषित हो जाती है. सोनाली, प्रियंका एवं फातिमा खातून ने बताया कि हम इस वर्ष हिंदुओं के महान धार्मिक दीपावली के प्रकाश रूपी त्योहार को प्रदूषण रहित रूप से मनाने का संकल्प लेते हैं. शिवम, साहिल एवं आशीष कुमार ने बताया कि दीपावली प्रकाश का त्योहार है. बच्चे इस दिन खूब पटाखे छोड़ते हैं जिससे हमारा वातावरण प्रदूषित होती है.
नित्या, रोशनी एवं शमा परवीन ने बताया कि पटाखे फोड़ने से उनसे जो धुआं निकलती है वह स्वास्थ्य के लिये काफी हानिकारक होती है. इसके साथ साथ हमारा वातावरण भी दूषित होता है. अनीस, सुमन एवं आयुष कुमार ने बताया कि दीवाली प्रकाश खुशियां और शांति का त्योहार है. इस त्योहार में पटाखे अलावे से हमारा वातावरण प्रदूषित होता है. इसलिये आप लोगों से यही निवेदन है कि पटाखे जलाएं मगर वातावरण का भी ध्यान रखें.
कमल एवं अब्दुल रहमान ने बताया कि दीपावली में हमें पटाखे का प्रयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे प्रदूषण ही प्रदूषण होता है. जैसे ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण. इससे कई प्रकार की बीमारियां होती है. अत: इसे हमें शांतिपूर्वक मनाना चाहिए.
ज्योति, उजाला व तनिषा कुमारी ने बताया कि दीपावली में पटाखों का कम से कम उपयोग करना चाहिए. अत: पटाखों से प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने का संकल्प है.