23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहर की व्यवस्था में नहीं हुआ सुधार

मधुबनी : बीते साल स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ने के बाद भी नप प्रशासन द्वारा इसमें सुधार की कोइ पहल नहीं की गयी है. बीते साल इसका स्थान देश भर में 337 वें रैंक पर था. स्वच्छता सर्वेक्षण के लिये जिन विंदुओं पर अंक दिया जाता है, उन विंदुओं पर एक साल में स्थिति बेहतर नहीं […]

मधुबनी : बीते साल स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ने के बाद भी नप प्रशासन द्वारा इसमें सुधार की कोइ पहल नहीं की गयी है. बीते साल इसका स्थान देश भर में 337 वें रैंक पर था. स्वच्छता सर्वेक्षण के लिये जिन विंदुओं पर अंक दिया जाता है, उन विंदुओं पर एक साल में स्थिति बेहतर नहीं है. कई मामलों में स्थिति खराब ही हो गयी है.

यहां बता दें कि इस साल भी केंद्र सरकार की टीम जिले में आने वाली है, जो चुपके से शहर के विभिन्न मानकों पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. यहां यह भी बता दें कि यदि टॉप टेन में आयेगा तो अलग से उसे केंद्र सरकार द्वारा पैकेज दिया जाता है. जिसे संबंधित शहर में साफ सफाई पर खर्च किया जा सकेगा.
बीते साल मिला था 1110.26 अंक : एक ओर नगर परिषद शहर को स्वच्छ रखने के लिये लाखों खर्च करती है. वहीं दूसरी ओर भारत सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर पूरे देश में 1110.26 अंक प्राप्त कर 337 वां रैंक प्राप्त कर सकी. वर्ष 2019 में स्वच्छता सर्वेक्षण में बुरी तरह पिछड़ चुकी नगर परिषद एक बार फिर 2020 में शुरू हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल होगी.
शहर की स्वच्छता की स्थिति पर गौर करें तो बीते वर्ष में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया है. शहर में घरों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से कूड़ा कलेक्ट करने की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है. न ही शहर में कूड़ा निस्तारण का काम ही शुरू हुआ है. प्रचार प्रसार के अभाव में नागरिक अभी भी इस सर्वेक्षण से अंजान हैं. हालांकि नप कार्यालय नगर प्रबंधक वार्ड पार्षदों को सर्वेक्षण के लिये वार्डो में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रहे इसकी लगातार मानीटरिंग करने को कहा है.
कूड़ा कलेक्शन की स्थिति खराब
नगर परिषद के करीब तीन चौथाई भाग में कूड़ा कलेक्शन नहीं हो रहा है. जिससे लोग यत्रतत्र कूड़ा पेंक रहे हैं. शहर में कूड़ा दान यदा कदा ही रखा है. पिछले एक वर्ष से करीब 100 स्टील का कचरा पेटी नगर परिषद कार्यालय के समीप शोभा बढ़ा रहा है. डोर टे डोर कचरा कलेक्शन के लिये बनी योजना के तहत नीला और हरा हाउस होल्ड कचरा का डिब्बा दिया. पर लोग इसे घरेलू उपयोग के लिये कर रहे हैं.
टूटी सड़के व नालियां. सड़कों व नाली निर्माण में भी शहर काफी पिछड़ा हुआ है. कई गलियों में सड़कें नहीं बनी तो नालियां के मामले में शहर काफी पिछड़ा हुआ है. मुख्य मार्केट में नाला निर्माण कार्य नहीं हुआ है. उसके लिये नगर परिषद उदासीन बनी हुई है.
ट्रैफिक व पार्किंग व्यवस्था. शहर में ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ी रहती है. हालांकि कभी-कभी ट्रैफिक पुलिस शीर के वौक चौराहे पर दिखाई देते हैं. इधर बाजारों में पार्किग व्यवस्था नहीं रहने से हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है. वहीं वेंडिंग जोन नहीं होने के कारण सड़कों पर ही बाजार लग जाती है.
पेयजल की समस्या बरकरार. शहर में पेयजल आपूर्ति की समस्या बरकरार है. एक ओर सैकड़ों हैंडपंप दम तोड़ चुकी है. वहीं करीब दो साल से चल रही नलजल योजना का कार्य अधर में है. किसी भी वार्ड में पूरी तरह से नलजल योजना के तहत घरों में पानी पहुंच रहा है.
जल निकासी की व्यवस्था नहीं. शहर में जलजमाव बड़ी समस्या रही है.
शहर में बरसाती पानी के पुख्ता इंतजाम नहीं है. करीब एक वर्ष पूर्व स्ट्रांम ड्रेनेज प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई थी. लेकिन इसका कार्य अभीतक शुरू नहीं हुआ है. जिस शहर के तीनों वाटसन किंग्स व राज कैनाल गाद से पटा है. जाड़ा के मौसम में भी कई जगहों पर सड़कों पर पैदल चलना मुश्किल है.
मिलेगी बेहतर रैंंकिंग
नगर प्रबंधक नीरज कुमार झा ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण मूल रूप से सालिड बेस्ट मैनेजमेंट पर अंक प्राप्त होता है. कुल 6000 अंकों का सर्वेक्षण होगा. उम्मीद है कि इस बाद बेहतर रैकिंग मिलेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें