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न्यायालय की सुरक्षा में कोताही

आये दिन विभिन्न जिलों में हो रही घटना से दहशत में न्यायालय के कर्मचारी बेरोकटोक आ जा रहे हैं लोग, नहीं होती जांच मधुबनी : आये दिन विभिन्न न्यायालय में हो रहे आपराधिक घटना के बाद भी व्यवहार न्यायालय में सुरक्षा व्यवस्था में कोताही बरती जा रही है. फिर से लोगों का व्यवहार न्यायालय परिसर […]

आये दिन विभिन्न जिलों में हो रही घटना से दहशत में न्यायालय

के कर्मचारी
बेरोकटोक आ जा रहे हैं लोग, नहीं होती जांच
मधुबनी : आये दिन विभिन्न न्यायालय में हो रहे आपराधिक घटना के बाद भी व्यवहार न्यायालय में सुरक्षा व्यवस्था में कोताही बरती जा रही है. फिर से लोगों का व्यवहार न्यायालय परिसर में बिना रोक टोक आवाजाही हो रही है. सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की जगह पर सुरक्षा के लिए लगे सुरक्षा कर्मी की कमी कर दी गई है. जिससे न्यायालय में सुरक्षा पर असर पड़ रहा है. फिलहाल मात्र आठ सुरक्षा कर्मी के भरोसे न्यायालय का सुरक्षा है.
आठ प्रवेश द्वार पर 16 सुरक्षा कर्मी की थी तैनाती
जिलों के न्यायालय परिसर में हुए हमले के बाद व्यवहार न्यायालय के सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करने के लिए पहल शुरू की गई थी. इसके तहत न्यायालय परिसर में प्रवेश के लिए आठ प्रवेश द्वारों को चिह्नित किया गया था. जिसमें प्रत्येक प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर के साथ दो- दो सिपाही को तैनात किया था. जो न्यायालय परिसर में प्रवेश के दौरान नजर रखा जा सके. लेकिन कुछ समय बीता नहीं कि न्यायालय में लगे सुरक्षा कर्मी की कमी कर दी गई है. अभी फिलहाल मात्र आठ सुरक्षा कर्मी तैनात है. जिससे एक प्रभारी एसआई 4 सिपाही और तीन हवलदार है. जिसमें मात्र एक मेटल डिटेक्टर है. जिससे पूरे परिसर का सुरक्षा का जिम्मा है.
हो चुकी है कई घटना
न्यायालय परिसर में अपराधियों द्वारा कई घटनाओं का अंजाम दिया जा चुका है. 1994 में एक कैदी को पेशी के दौरान गोली मार दी गई थी, तो कई कैदी पेशी के दौरान भागने में भी सफल रहा है. वहीं कई बार तो रिमांड के लिए आये कैदी भी भागने में सफल रहे हैं. फिर भी प्रशासन द्वारा न्यायालय में सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जा रही है.
प्रशासन को कराया जाता है अवगत
कोर्ट की सुरक्षा को लेकर प्रत्येक माह न्यायालय में होने वाली डीएलएमसी की होने वाले बैठक में जिला प्रशासन को अवगत कराया जाता है.
शुभ नारायण झा , प्रभारी रजिस्टार
17 न्यायाधीश सहित सैकड़ों कर्मी रहते हैं मौजूद
व्यवहार न्यायालय में वर्तमान में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, एडीजे, सब जज, व मजिस्ट्रेट सहित 17 इजलास पर सुनवाई होती है. जहां करीब ढाई सौ के लगभग न्यायालय कर्मी, 400 से अधिक अधिवक्ता, 200 से अधिक अधिवक्ता लिपिक एवं जिले भर से न्याय को लेकर सैकड़ों की संख्या में पक्षकार पहुंचते है. पर इन सब की सुरक्षा का कोई माकूल व्यवस्था नहीं है.

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