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तलाकशुदा मुस्लिम महिला को सरकार देगी 25 हजार

मधुबनी : अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं भी सामाजिक कुरीतियों से अछूती नहीं रही है. धार्मिक व सामाजिक स्तर पर तलाक या फिर किसी कारण वश एक दूसरे से अलग रहने के कारण उनका सामाजिक व पारिवारिक जीवन तार-तार हो रहे हैं. सरकार इन कुरीतियों के खात्मे के लिये समय-समय पर योजनाएं तैयार करती है. ऐसी […]

मधुबनी : अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं भी सामाजिक कुरीतियों से अछूती नहीं रही है. धार्मिक व सामाजिक स्तर पर तलाक या फिर किसी कारण वश एक दूसरे से अलग रहने के कारण उनका सामाजिक व पारिवारिक जीवन तार-तार हो रहे हैं. सरकार इन कुरीतियों के खात्मे के लिये समय-समय पर योजनाएं तैयार करती है.

ऐसी ही योजना में से एक है मुस्लिम परित्यक्त योजना. इस योजना के तहत बिहार सरकार की मंशा है कि अल्पसंख्यक मुस्लिम परित्यक्त या फिर तलाकशुदा महिलाओं को वित्तीय सहायता देकर आत्मनिर्भर बनाया जाये. पूर्व में इस योजना के तहत वर्ष2017-18 में एक सौ मुस्लिम तलाकशुदा महिला लाभुक को दस-दस हजार रुपये दिये गये हैं. जिसे बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये कर दिया गया हे. सरकार के इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में और अधिक मदद मिलेगी. यहां बता दें कि यह राशि जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा जांचोपरांत बिहार राज्य अल्पसंख्यक निगम के अनुशंसा पर लाभुक के खाते में भेजती है. लेकिन इस योजना के तहत एक लाभुक को एक ही बार लाभ दिया जाना है.

सामाजिक कुरीतियों का शिकार बनी मुस्लिम परित्यक्ता महिला जिसकी शादी पूर्व में हो चुकी है. लेकिन पति द्वारा दो वर्षों या उससे अधिक अवधि से परित्याग कर दिया गया हो या उसके जीवन यापन की कोई व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा पूर्ण मानसिक अपंगता से पति अपने परिवार का भरण-पोषण करने में अक्षम हो. ऐसी अवस्था में सरकार स्वरोजगार के लिये 25 हजार रुपया देगी. ताकि लाभुक आत्मनिर्भर बन सके.

इन्हें माना जायेगा तलाकशुदा : वैसी अल्पसंख्यक मुस्लिम महिला जिसे पति ने तलाक दिया हो. और उसके जीवनयापन की कोई व्यवस्था न हो. गौरतलब है कि मुस्लिमों में धार्मिक प्रावधान के तहत आपसी विवाद, जमीन जायदाद, तलाक के मामले व अन्य विवादों का निपटारा मुस्लिम शरई अदालत में पंजीकृत काजी(मुफ्ती) द्वारा तलाक होने का प्रमाणपत्र की ही मान्यता है.
इन प्रखंडों से आये है तलाक के मामले : मधुबनी नगर परिषद क्षेत्र, रहिका, कलुआही, लौकही और बिस्फी.
अधिकारी बाेले : प्रभारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी राजेश वर्मा ने बताया कि तलाकशुदा या फिर परित्यक्त मुस्लिम महिला को स्वरोजगार से जोड़ने को सरकार प्रतिबद्ध है. इस योजना के तहत पूर्व में दस हजार रुपये दिये जाते थे. जिसे बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये कर दिया गया है. सरकार की मंशा परित्यक्त मुस्लिम महिला को स्वरोजगार के जरिये आत्मनिर्भर बनाने की है.
सामाजिक कुरीतियों के खात्मे के लिए शुरू की गई है योजना
राशि पाने की यह है प्रक्रिया
तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को योजना का लाभ पाने के लिये प्रमाणपत्र, बैंक खाता संख्या और मुस्लिम शरई अदालत में तलाक को लेकर निपटाये गये मामले की आदलतीपत्र, आवेदक महिला को करीब के दो रिस्तेदारों को गवाह के रूप में पूर्ण पता के साथ व जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा पत्र आवेदन के साथ जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में जमा करना होगा.

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