निर्देश. बाढ़ को लेकर प्रशासन सतर्क, दवा से लेकर चारा तक का इंतजाम
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239 गृहरक्षकों की निगरानी में होगा नदियों का तटबंध
निर्देश. बाढ़ को लेकर प्रशासन सतर्क, दवा से लेकर चारा तक का इंतजाम मधुबनी : जिले में संभावित बाढ़ की आशंका को जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने अधिकारियों को बाढ़ से बचाव की तैयारी के लिए युद्ध स्तर पर तैयार रहने का निर्देश दिया है . समाहरणालय के सभागार में मंगलवार को आयोजित बैठक […]
मधुबनी : जिले में संभावित बाढ़ की आशंका को जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने अधिकारियों को बाढ़ से बचाव की तैयारी के लिए युद्ध स्तर पर तैयार रहने का निर्देश दिया है . समाहरणालय के सभागार में मंगलवार को आयोजित बैठक में डीएम ने कहा कि जिले में कमला, भूतही बलान, कोशी एवं अधवारा समूह की नदियों में बाढ़ आने की संभावना बनी रहती है. इन नदियों में अलग-अलग बाढ़ की प्रवृति रहती है. डीएम ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग पटना द्वारा 28 बिंदु का चेक लिस्ट जारी किया है. इसे समय रहते पूरा करना है.
वर्षा मापक यंत्रों की मरम्मत. जिला के सभी प्रखंडों में स्थापित वर्षा मापक यंत्रों की गणना एवं सात प्रखंडों में वर्षा मापक यंत्र की मरम्मति कराने, वर्षा कर आपदा प्रबंधन विभाग को भेजने का निर्देश दिया.
बाढ़ से प्रभावित होनेवाले संकट ग्रस्त समूहों की पहचान. डीएम द्वारा सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जिले में बाढ़ के पूर्व इतिहास अनुभवों के आधार पर संभावित स्थिति को ध्यान में रखकर पंचायत एवं वार्ड स्तरीय बाढ़ राहत अनुश्रवण समिति सह निगरानी समिति के सहयोग से गरीब परिवारों, निराश्रितों, नि:शक्त जनो, बिमारों की पहचान कर बाढ़ आने की दशा में पूर्व से पहचान कर सूची तैयार करें. ताकि आपदा के समय उनका बचाव किया जा सके.
132 नावों का हुआ निबंधन. बैठक में परिवहन पदाधिकारी सुजीत कुमार ने जिले में 132 नावों की जांच मोटरयान निरीक्षक द्वारा करायी गई है. डीएम ने सभी अंचल अधिकारी को निर्देश दिया कि अपने अंचल में सभी सरकारी एवं गैर सरकारी नाव, मोटर बोट जो परिचालन योग्य है, इसका सर्वेक्षण कराकर उसका मरम्मति, कालीकरण समय से पूर्व करा लें. तथा सभी नावों का निश्चित रूप से निबंधन भी करा लें. पुरानी सरकारी नावों के मरम्मति के लिए 5 हजार की दर से राशि भी आवंटित की जा चुकी है. इसके अलावे जेनरेटर की व्यवस्था भी अंचल अधिकारी को अपने स्तर से करने का निर्देश दिया गया है. खाद्यान, सत्तू, चूड़ा, गुड़, मोमबत्ती, दिया सलाई, किरासन तेल की निविदा में न्यूनतम मापदंड पर खरीद कर राहत वितरण के लिए तैयार रखने को कहा गया है.
मानव व पशु दवा की उपलब्धता. बैठक में सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि सभी प्रखंड में मानव दवा उपलब्ध है. सर्पदंश की घटना बाढ़ के दौरान बढ़ जाती है. डीएम ने एभीएस की पर्याप्त भंडारण जिला एवं प्रखंड अस्पतालों में सुनिश्चित करने एवं चिकित्सकों एवं चिकित्सा दल का गठन पूर्व से ही करने का भी निर्देश दिया. इसी तरह पशु के लिए पशु दवा पर्याप्त मात्रा में भंडारण करने के लिए पशुपालन अधिकारी को कहा गया.
तटबंधों की सूक्ष्म निगरानी करेंगे गृहरक्षक
जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा नदियों पर अवस्थित तटबंधों की सुरक्षा के लिए 239 गृह रक्षकों की मांग जिला समादेष्टा से की है. इन गृह रक्षकों को किन-किन नदियों के तटबंधों पर प्रतिनियुक्त की जाएगी उसका प्लान तैयार किया गया है. जिले में संभावित बाढ़ की अवधि 15 जून से 31 अक्तूबर माना गया है. तटबंध के प्रभारी कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंता को आदेश दिया गया है कि प्रतिनियुक्त गृहरक्षकों के साथ तटबंध का सघन निरीक्षण करते हुए तटबंधों पर सूक्ष्म निगरानी करेंगे एवं तटबंधों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. तटबंधों के प्रत्येक दिन की गतिविधियों एवं तटबंधों से संबंधित आवश्यक सूचना जिला स्तर पर गठित नियंत्रण कक्ष को देना सुनिश्चित करेंगे.
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