मधेपुरा.
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक परिसर स्थित विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के द्वारा वीर कुंवर सिंह की जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के शोधार्थी, छात्र-छात्राएं व शिक्षकों ने भाग लिया. कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा ने किया. मौके पर स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो चंद्र प्रकाश सिंह, आइक्यूएसी के निदेशक प्रो नरेश कुमार तथा राजनीतिक विज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष व पूर्व सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष प्रो राजकुमार सिंह उपस्थिति थे. संगोष्ठी में विषय प्रवेश विभागाध्यक्ष डॉ सीपी सिंह ने वीर कुंवर सिंह की जीवनी और उनके कृतित्व पर सर्वप्रथम प्रकाश डाला. कुलपति ने कहा कि “छात्रों को वीर कुंवर सिंह की जीवनी उनके कार्यों से सीख लेने की आवश्यकता है. अगर 80 वर्ष की उम्र में वीर कुंवर सिंह अंग्रेजों को हर क्षेत्र में हरा सके तो यह उनके दृढता, नेतृत्व क्षमता थी और उनकी अपनी मातृभूमि के लिए कर्तव्यनिष्ठाता थी. वह एक अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे. आज के छात्रों को भी अनुशासन में रहकर अपना लक्ष्य प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिये.इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो सीपी सिंह ने कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा, आइकयूएसी के निदेशक प्रो नरेश कुमार व पूर्व संकायाध्यक्ष सामाजिक विज्ञान प्रो राजकुमार सिंह की उपस्थिति में एक संपादित पुस्तक “कोशी-शोध संगम” का भी विमोचन किया. इस पुस्तक को संपादित करने में प्रो संजीव कुमार, इतिहास विभाग, एमएचएम कॉलेज सोनबरसा तथा प्रो अमिष कुमार, इतिहास विभाग, राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय सहरसा का भी योगदान रहा है. आइक्यूएसी के निदेशक प्रो नरेश कुमार ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया. उन्होंने भी वीर कुंवर सिंह के स्वर्णिम योगदान को याद किया और छात्रों को इससे प्रेरणा लेने की बात कही.
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