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मेडिकल कॉलेज में मनायी गयी जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती

मेडिकल कॉलेज में मनायी गयी जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती

प्रतिनिधि, सिंहेश्वर जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज में जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती शुक्रवार को मनायी गयी. मौके पर बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुरेंद्र नाथ सिन्हा ने कर्पूरी ठाकुर की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. कार्यक्रम में सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें कर्पूरी ठाकुर के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया. कुलपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपने ज्ञान को बढ़ाने और मेडिकल कॉलेज को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए काम करना चाहिए. कुलपति ने कहा विश्वविद्यालय का पहले परीक्षा में तीन छात्राएं पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आयी. छात्राएं तीन- तीन सब्जेक्ट में भी अव्वल आयी. ये उनकी सीखने की मंशा को दर्शाता है. मेडिकल साइंस के नये प्रयोग में साझीदार बनना होगा. उन्होंने शिक्षकों को भी सिर्फ ड्यूटी नहीं करने की नसीहत दी. सिर्फ क्लास करने की औपचारिकता पूरी करने से काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में पास होना बड़ी बात नहीं है. उन्होंने कहा सभी मेडिकल कॉलेज में जा रहे है. मुझमें काम करने का जज्बा है. आप लोगों को इसमें साथ देना होगा. चेंजर आप लोग हैं इसको बदलिए और अपनी सार्थकता सिद्ध किजिए. और अपने ज्ञान को बढ़ाइए और जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज को सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज में बदलिए. कर्पूरी ठाकुर के बारे में बात करते हुए डॉ सिन्हा ने कहा कि वे एक महान नेता थे. जिन्होंने अपनी सादगी और त्याग के कारण बिहार के 11वें मुख्यमंत्री बने. उन्होंने 1974 में जेपी आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाश्र थी. इस अवसर पर मेडिकल काॅलेज के अधीक्षक डॉ नगीना चौधरी ने कहा आज हम लोग जननायक के जन्मोत्सव पर उपस्थित हुए हैं. जरूरत है जन नायक के विचार को आत्मसात करने की. उपाधिक्षक डॉ कृष्णा प्रसाद ने कहा कर्पूरी ठाकुर के बारे में कहना यही काफी है कि वे भारत रत्न थे. उनके विचार आप लोगों के चिंतन के लिए है. मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ अशोक यादव ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर का विचार मेरे कण में व्याप्त है और उनके विचार पर चलने का प्रयास करता हूं. इस संस्थान का घोषणा के साथ ही मेडिकल कॉलेज का संचालन शिवनंदन प्रसाद विद्यालय के एक कमरे में शुरू किया गया. मुझे स्थानीय होने के कारण मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदारी दी गयी. 2010 में इस संस्थान का जननायक कर्पूरी ठाकुर नाम दिया गया, जिसे 2015 में फाइनलाइज कर दिया गया. मेडिकल के संघर्ष का वर्णन किया. कुलपति के बारे बताते हुए कहा 1995 से संघर्षरत रहने के बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा स्वास्थ्य विश्व विद्यालय की मान्यता मिली. ये प्रथम कुलपति बने. मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ भूपेंद्र प्रसाद ने कहा 22 दिसंबर 1977 को बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद गरीबों और पिछड़ों तथा कई सामाजिक कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया. मौके पर चिकित्सक डॉ प्रेम जीत कुमार मधुकर, विभागाध्यक्ष, एनाटॉमी विभाग डॉ वीरेंद्र कुमार, डॉ बिनोद कुमार, डॉ पूनम कुमारी, डॉ मंचल, डॉ मृत्युंजय कुमार आजाद, डॉ गणेश कुमार, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ अंजनी कुमार, डॉ शबाना, मणि कान्त आजाद, राजन कुमार, प्रकाश कुमार, आर्यन कुमार, उदय कुमार सिंह, मुकेश कुमार, सुनील कुमार आदि उपस्थित थे.

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Prabhat Khabar News Desk
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