सिंहेश्वर. राजकीय महोत्सव के दूसरे दिन बाबा नगरी सिंहेश्वर में स्थानीय कलाकारों ने शमा बांधने कोई कसर नहीं छोड़ा. कार्यक्रम में वेदांता पब्लिक स्कूल के छात्रों ने शिव पार्वती विवाह गीत, झिझिया सहित अन्य गीतों पर नृत्य का प्रस्तुत कर लोगों का दिल जीत लिया. वही किड्स वर्ल्ड स्कूल के बच्चों ने जय शंकरा पर नृत्य किया. वही ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्कूल के बच्चे ने एक से बढ़कर एक नृत्य की प्रस्तुति देकर अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी. स्थानीय कलाकारों ने अपनी कला से एक बड़ा मंच पर अपनी प्रतिभा को साबित किया. मगध से आये राजा ने अपनी छाप छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इसके बाद उन्होंने हे शम्भु त्रिपुरारी की प्रस्तुति देने के साथ- साथ एक के बाद एक गीत हम तेरे शहर में आए है मुसाफिर के तरह……, मुझे दिल की बीमारी है…., नयन मिला के मैं पछताई……, आजा ओ बालम ओ हरजाई गीत, आज जाने की जिद न करो गीत गाया जिसके बाद मैथिली गीतों की माला प्रस्तुत किया. जय झा ने छोड़ी अपनी गायकी का छाप कोसी के लाल जय झा ने मंच पर आते ही लोगों में उत्साह बढ़ गया. गायन के दौरान खुद तो डांस भी किया. वहीं श्रोताओं को धुन पर नचा दिया. उसके गाने चोरी से आना चुपके से जाना अच्छी नहीं दिल्लगी. मुझसे शादी करोगी. के धुन पर सभी झूम उठें. उसके एक- एक अंदाजा पर दर्शक झुमते रहे. उसके सबसे फेमस गीत “योगीया… लग्न लगन लगन लगन लगी तुमसे मेरी लगन लगी….., आंखें तेरी दरस को तरसे याद में तेरी नैना बरसे होठों पर है नाम तेरा सांसों में है नाम तेरा लगे लगन लगन लगन लगन लगी ” ने जैसे श्रोताओं में जान सी फुंक दी. यही नहीं कोसी के लाल जय झा ने अपनी सुरीली आवाज से दिल ही नहीं जिगर भी जीत लिया. जय झा ने कहा सात साल काशी में रहे वहां के मसाने की होली का विश्व में कोई जबाब नहीं है. होली खेले मसाने में हो होली खेले मसाने में पर दर्शक दीर्घा की महिला और युवतियां भी डांस करने से अपने आप को रोक नहीं सकी. मौके पर एडीएम अरुण कुमार, एसडीओ संतोष कुमार, एसडीसी संतोष कुमार, कला संस्कृति अधिकारी आम्रपाली कुमारी, प्रो भुपेंद्र प्रसाद यादव मधेपुरी, शौकत अली, विजय कुमार सिंह, पुजारी अमरनाथ ठाकुर उर्फ लालबाबा, शंकर ठाकुर उर्फ रघु बाबा, दीपक ठाकुर, संत गंगा दास, मौजूद थे.
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