मधेपुरा. भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के पैट-2023 के चयन सूची में बिहार राज्य आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन तथा अंतर्वीक्षा के प्राप्तांकों में हेराफेरी किये जाने के आरोप लगाया गया है. साथ ही मामले में कुलपति से जांच की मांग की है. बीएनएमयू के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर सह बीएनएमयू विद्वत परिषद की सदस्य प्रज्ञा प्रसाद ने बीएनएमयू कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा को पत्र भेज कर पैट-2023 के चयन सूची में बिहार राज्य आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन तथा अंतर्वीक्षा के प्राप्तांकों में हेराफेरी किये जाने के आरोप लगाया है. विभागाध्यक्ष व नोडल पदाधिकारी पर मिलीभगत का आरोप कुलपति को दिए पत्र में प्रज्ञा प्रसाद ने कहा कि पैट-2023 में स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विषय के चयन सूची में बिहार राज्य आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन तथा अंतर्वीक्षा के प्राप्तांकों में हेराफेरी कर, परीक्षा फल प्रकाशन को लंबे समय तक लंबित रखते हुये ग्रीष्मकालीन अवकाश आरंभ होने के एक दिन पूर्व नामांकन आदेश स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मिथिलेश कुमार झा व विभाग के वरीय सहायक प्राध्यापक सह यूएमआइएस के नोडल पदाधिकारी डॉ ओंकार नाथ मिश्रा की मिलीभगत से कर लिया गया है. किस खाते में किया जा रहा है नामांकन शुल्क की राशि का संग्रह प्रज्ञा प्रसाद ने आरोप लगाया कि जब से डॉ ओंकार नाथ मिश्रा का स्थानांतरण स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग में किया गया है, तब से कुछ न कुछ हेराफेरी का मामला प्रकाश में आ ही जाता है. पैट-2023 के चयन सूची में हेराफेरी व आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के अतिरिक्त नामांकन शुल्क की राशि का संग्रह विभागीय खाता से भिन्न किस खाते में संग्रहीत किया जा रहा है, यह भी उच्च स्तरीय जांच का विषय है. प्राची, विभागाध्यक्ष की है निकट संबंधी, जांच का विषय प्रज्ञा प्रसाद ने कहा कि अर्थशास्त्र विषय के चयन सूची में सामान्य वर्ग की छात्रा प्राची कुमारी का नाम क्रमांक दो पर अंकित है, जो बिहार आरक्षण परिपत्र संख्या-14396/24 दिनांक- 10/09/2024 के प्रावधानानुसार अत्यंत पिछड़ा वर्ग (इबीसी) के लिए आरक्षित है. इस संदर्भ में प्राची कुमारी का चयन बिहार आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है तथा दंडनीय अपराध है. मालूम हो कि इस प्रकार की हेराफेरी पूर्व में भी स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के विभगाध्यक्ष डॉ भवानंद झा द्वारा की गयी थी व जांचोपरांत आरोप सत्य सिद्ध हुआ था. उन्होंने कहा कि जानकारी प्राप्त हुई है कि प्राची कुमारी, विभागाध्यक्ष डॉ मिथिलेश कुमार झा की निकट संबंधी है, जो जांच का विषय है. बाह्य विषय विशेषज्ञ से मिल कर पक्षपात के साथ किया गया मेधा सूची तैयार प्रज्ञा प्रसाद ने कहा कि सात अप्रैल 2025 को पैट- 2023 के नामांकन की प्रक्रिया पूरी करने के क्रम में आयोजित अंतर्वीक्षा के अंकों पर अंतर्वीक्षा मंडल के सदस्य के रुप में बाह्य विषय विशेषज्ञ के दृष्टि कोण से असहमत होने पर मैने अंतर्वीक्षा के अंक को अलग से मेधा सूची तैयार करने के लिए विभागाध्यक्ष को समर्पित कर दिया था, जिसके बाद विभागाध्यक्ष द्वारा बाह्य विषय विशेषज्ञ से मिल कर पक्षपात के साथ मेधा सूची तैयार किया गया. इस प्रकार नामांकन प्रक्रिया में मेधा, निष्पक्षता व बिहार आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन कर प्रतिभाशाली अध्येताओं के साथ अन्याय किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्णित तथ्यों की जांच कर पैट- 2023 की चयन सूची में अद्यतन प्रभावी आरक्षण रोस्टर बिंदु के आधार पर संशोधित चयन सूची का प्रकाशन कराया जाय.
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