वर्षों से अतिक्रमण की चपेट में है घैलाढ प्रखंड मुख्यालय में बना
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मारपीट में एक दर्जन जख्मी
वर्षों से अतिक्रमण की चपेट में है घैलाढ प्रखंड मुख्यालय में बना बीआरसी भवन जमीन से दुकान नहीं हटाने पर अड़े थे दुकानदार कई थानों की पुलिस ने किया स्थिति को कंट्रोल घैलाढ : घैलाढ़ प्रखंड मुख्यालय में बीआरसी भवन अतिक्रमण की चपेट में बरसों से घिरा हुआ है. बुधवार को पूर्व प्रमुख पति राज […]
बीआरसी भवन
जमीन से दुकान नहीं हटाने पर अड़े थे दुकानदार
कई थानों की पुलिस ने किया स्थिति को कंट्रोल
घैलाढ : घैलाढ़ प्रखंड मुख्यालय में बीआरसी भवन अतिक्रमण की चपेट में बरसों से घिरा हुआ है. बुधवार को पूर्व प्रमुख पति राज नारायण यादव ने दुकानदारों को अपने जमीन के आगे से दुकान हटाने व दुकान बंद करने को कहा. इस दौरान दोनों दोनों पक्षों के बीच तू तू मैं मैं होने लगा और दोनों पक्षों के बीच लाठी, फरसा, कटा से प्रहार शुरू होने लगा. देखते ही देखते घैलाढ़ बाजार रणभूमि में तब्दील हो गई. इस मारपीट के दौरान मनोज यादव, राधे यादव, राजेश यादव, राजदीप कुमार, मिथिलेश कुमार आदि लोगों घायल होकर बेहोश हो गये. दूसरे पक्ष के लोग ललन मंडल, सूरज मंडल, पुलकुल मंडल, मोहन मंडल आदि घायल हो गया.
घटना की सूचना थानाध्यक्ष को मिलते ही अपने दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर घटना को नियंत्रण किया और दोनों पक्षों के घायलों को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घैलाढ़ पहुंचाया गया. जहां मौजूद डॉक्टर आर्य घायलों का बेहतर उपचार के लिए मधेपुरा सदर अस्पताल रेफर कर किया. घटना स्थल पर दो पक्षियों माहौल की स्थिति बनने लगी. इसको देखते हुए घैलाढ़ थाना अध्यक्ष राजेश कुमार टू ने इसकी सूचना जिला पुलिस पदाधिकारी को दिया.
सूचना पर एएसपी राजेश कुमार, गम्हरिया थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मुकेश, मठाई ओपी अध्यक्ष महेश प्रसाद यादव, परमानंदपुर रणवीर कुमार रावत मोबाइल पुलिस गस्ती हो विपिन कुमार आदि मधेपुरा सदर थाना से पहुंचे. पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण किया. जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं हो.
स्थिति को देख लौटे अधिकारी
जिस बुधवार को अनुमंडल पदाधिकारी लोक निवारण के आदेशानुसार अतिक्रमण मुक्त कराने आये डीसीएलआर रवि शंकर शर्मा व कार्यपालक दंडाधिकारी महेश्वर रजक एवं अंचलाधिकारी सतीश कुमार, घैलाढ़ थानाध्यक्ष राजेश कुमार टू आदि पदाधिकारियों की तैनात अतिक्रमण हटाने के लिए गया. जहां भारी मात्रा में महिलाओं-पुरुष पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी. वही सभी पदाधिकारियों व प्रशासन पदाधिकारी एवं यहां के जनप्रतिनिधियों के द्वारा संघर्ष मामला को देखते हुए तत्काल अतिक्रमण को रोक दिया गया. ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो. वही डीसीएलआर रविशंकर शर्मा ने बताया कि अतिक्रमण वाले जमीन की सही कागजात उपलब्ध नहीं रहने के कारण और सही जानकारी नहीं होने से अतिक्रमण को रोक दिया गया और सभी पदाधिकारी वापस लौट गये.
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