मधेपुरा : खुदा की राह में खुद को समर्पित कर देने का प्रतीक पाक महीना ‘माह-ए- रमजान’ न सिर्फ रहमतों और बरकतों की बारिश का वकफा है, बल्कि समुची इंसानियत को प्रेम-भाईचारा और मोहब्बत का संदेश भी देता है़ इस पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाता है और भूखे-प्यासे रह कर खुदा की इबादत करने वालों के गुनाह माफ हो जाते है़ं जिला अवर निबंधन कार्यालय में आयोजित इफतार के दौरान जिला अवर निबंधक मो जावेद अंसारी ने ये बातें कही़
उन्होंने कहा कि रोजे रखने का असल मकस्द महज भूख-प्यास पर नियंत्रण रखना नहीं है बल्कि रोजे की रूह दरअसल आत्म संयम, नियंत्रण, अल्लाह के प्रति अकीदत और सही राह पर चलने की संकल्प और उस पर मुस्तैदी से अमल में बसती है़ इस दौरान निबंधन कार्यालय के मो जुबैर, मो दाउद, रामदास पासवान, विजय शर्मा, मो सोहैल, राजीव कुमार, जय किशोर, सुधीर त्रिपाठी, प्रियंक राज, सुषमा कुमारी आदि उपस्थित थे़