पूर्व मध्य रेलवे . मंडल प्रबंधक द्वारा बनमनखी तक स्पीड ट्रायल का मामला
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बढ़ानी होगी स्टेशन पर सुिवधाएं
पूर्व मध्य रेलवे . मंडल प्रबंधक द्वारा बनमनखी तक स्पीड ट्रायल का मामला पूर्व मध्य रेलवे के मंडल प्रबंधक सुधांशु शर्मा ने रविवार को स्पीड ट्रायल ट्रेन द्वारा बनमनखी से सहरसा तक का रेलवे पटरी पर औसत गति का जायजा लिया. उन्होंने बनमनखी से पूर्णिया रेलखंड पर भी हो रहे कार्यों का जायजा लिया. उन्होंने […]
पूर्व मध्य रेलवे के मंडल प्रबंधक सुधांशु शर्मा ने रविवार को स्पीड ट्रायल ट्रेन द्वारा बनमनखी से सहरसा तक का रेलवे पटरी पर औसत गति का जायजा लिया. उन्होंने बनमनखी से पूर्णिया रेलखंड पर भी हो रहे कार्यों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि जल्द ही पूर्णिया के लिए ट्रेन शुरू हो जायेगी. हालांकि, परिचालन शुरू होने के साथ ही रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही में कई गुणा की बढ़ोतरी हो जायेगी. उन्होंने कहा कि शहर के मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा का अभाव है. इसे हर हाल में बढ़ानी होगी.
मधेपुरा : आमतौर पर संपूर्ण परिसर सहित प्लेट फॉर्म और रेल पटरियों पर कूड़ा कचरा का अंबार लगा रहता है. लेकिन डीआरएम व आलाधिकारी के आने की सूचना से ही नजारा बदला बदला रहा. खराब पड़ा चापाकल भी ठीक करा दिया गया.
वहीं ट्रेन की संख्या कम रहने और समय के अव्यवहारिक निर्धारण के कारण रेल की यात्रा मधेपुरावासियों का सिरदर्द बढ़ जाता है.
अधिकारी आते हैं तो सफाई . मधेपुरा रेलवे स्टेशन परिसर में साफ – सफाई का घोर अभाव है. स्थानीय दुकानदार बताते है कि वरीय अधिकारी के आगमन पर ही स्टेशन की साफ सफाई की जाती है.
रेल पटरी और प्लेटफॉर्म पर फैले मलमूत्र के कारण बदबू से यात्री परेशान रहते हैं. प्रतीक्षालय के दीवारों पर पान – गुटका की पीक से रंगी रहती है. प्लेट फॉर्म पर स्थित मूत्रालय की साफ सफाई नहीं होने के कारण प्लेटफॉर्म पर पेशाब बहता रहता है. यात्री नाक पर रूमाल रख कर ट्रेन की प्रतीक्षा करते हैं.
मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं का अभाव
यात्री होते हैं परेशान
रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा का घोर अभाव है. पानी और शौचालय के यात्री भटकते रहते हैं. प्लेटफॉर्म पर पेय जल की उपलब्धता के लिए दस नल लगाये है. लेकिन सारे नल खराब होकर बेकार हो जाते हैं. स्टेशन परिसर में तीन चापाकल हैं. लेकिन इन चापाकल के पास पसरी गंदगी के कारण यात्री यहां का पानी पीना मुनासिब नहीं समझते हैं. मूत्रालय और शौचालय साफ – सफाई नहीं होने के कारण बेकार बन कर रह गया है. शौचालय की स्थिति के कारण महिला यात्रियों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है.
ट्रेन का कम परिचालन बड़ी मुसीबत
रेल मंत्रालय की उदासीनता और मधेपुरा के रहनुमाओं की चुप्पी के कारण यह रेल खंड वर्ष 2008 में आये कोसी त्रासदी के बाद उपेक्षित होता चला गया. वर्तमान समय में यहां ट्रेन की काफी कमी है. हैरत अंगेज है कि सहरसा जाने के लिए सुबह 11 बजे के बाद पुन: दूसरे दिन सुबह तीन बजे ट्रेन का समय निर्धारित है.
इस दौरान यात्री सड़क मार्ग से सहरसा जाते हैं. गत दिनों इस रेल खंड पर बनमनखी तक ट्रेन परिचालन शुरू करने की घोषणा जोर शोर से की गयी थी. लेकिन बनमनखी तक जाने के लिए मात्र दो ट्रेन दी गयी है. वह भी शाम पौने सात के बाद रात के तीन बजे दी गयी है. ऐसे में मधेपुरा वासियों के लिए रेल की यात्रा दूर कोड़ी ही साबित हो रही है.
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