मधेपुरा : जिला मुख्यालय सहित विभिन्न प्रखंडों में शुक्रवार दो दिवसीय मकर संक्राति पर्व संपन्न हो गया. तिल और गुड़ के बने खाद्य पदार्थ ग्रहण कर लोगों ने परंपरागत तरीके से मकर संक्राति पर्व मनाया. मकर सक्रांति को वर्ष का पहला शुभ दिन माना जाता है, इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाता है.
विगत महीने भर से रुके हुए विवाह समारोह व नये कार्य की शुरुआत भी लोगों द्वारा कर दी गयी है. इस दौरान तिलकुट और लाई बनाने के लिए तिल, गुड़, चूड़ा, मुढ़ी बाजार में खूब बिके. मकर संक्रांति के अवसर पर दही खाने की परंपरा है. लेकिन इस बार दूध की कमी लोगों को खूब खली. स्थानीय स्तर पर उत्पादित दूध की कमी तो है ही इस कमी को पैकेट के दूध से किया गया. इस वर्ष मकर संक्राति के अवसर पर मोदी पतंग का भारी डिमांड रहा. खास कर युवा वर्ग मोदी पतंग को खासे उत्साहित नजर आये.
पतंगबाजी प्रतियोगिता भी
गम्हरिया . थाना परिसर में थानाध्यक्ष सुनील कुमार की अध्यक्षता में मकर संक्रांति के अवसर पर खेल एवं पतंग बाजी का आयोजन किया गया. जिसमें गम्हरिया के ग्राम वासियों एवं स्कूली बच्चों ने भाग लिया. थानाध्यक्ष पतंग और खेल को लेकर काफी उत्सुकता देखी गयी. साथ ही उन्होंने बताया कि बच्चों के भविष्य के लिए खेल काफी मायने रखता है.
जिससे बच्चों की शादगी भविष्य में काम आते है. साथ ही थाना परिसर में क्रिकेट मैच का आयोजन किया. साथ ही ग्रामीणों के द्वारा भी पतंग उड़ाया गया. ग्रामीणों को थानाध्यक्ष ने मिलन समारोह का भोज्य का आयोजन किया गया. मौके पर प्रखंड अध्यक्ष प्रभु नारायण मेहता, जागेश्वर यादव, विरेंद्र यादव, जर्नादन मेहता, मंटून कुमार, मनोज भगत, पूर्व मुखिया मुरली भगत, माणिक सिंह, प्रखंड प्रमुख ललिता देवी आदि उपस्थित थे.
पुरैनी प्रतिनिधि के अनुसार प्रखंड अन्तर्गत डुमरैल स्थित आदर्श गुरूकुल विद्या मंदिर के द्वारा मकर संक्रांति के मौके पर शुक्रवार को पशु चिकित्सालय परिसर में विद्यालय के संचालक श्वेताम्बर गोस्वामी एवं निदेशक ललन कुमार गोस्वामी की देखरेख में आयोजित लंगर में स्कूली बच्चों के अलावे आसपास के बच्चे एवं मुख्यालय के आमजनों नें मकर संक्रांति के मौके पर तिलयुक्त खिचड़ी, चोखा, पापड़, आदि खाकर एक दुसरे को मकर संक्रांति की शुभकामनायें दी.
जिसमें स्कूली बच्चे सहित मुख्यालय के आमजनों नें बढ चढकर हिस्सा लिया. मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अभय कुमार अमन, नदीम अख्तर, संजीत कुमार, पारस कुमार, डोली कुमारी, स्वीटी कुमारी, डमरू बाबा आदि उपस्थित थे.