पीएम अतिपिछड़ा वर्ग से हैं, इसलिए उनका विरोध : मांझी – बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार पर स्वार्थ की राजनीति करने का लगाया आरोप कौशल, मधेपुराबिहार में दिनों दिन गरीबों की स्थिति कमजोर होती जा रही है. यहां सत्ता में परिवर्तन की जरूरत है. नीतीश कुमार स्वार्थ की राजनीति करते हैं. रविवार को मधेपुरा के भूपेंद्र नारायण मंडल विवि के नये परिसर के मैदान में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा में प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि आज बिहार की स्थिति खराब होती जा रही है. लालू जी और नीतीश जी ने बिहार में 25 साल से शासन किया. लेकिन गरीबों के उत्थान के लिए कोई काम नहीं किये गये. गरीबों की दशा और दिशा दिनोंदिन नीचे ही गिरती जा रही है. अब बिहार में परिवर्तन की जरूरत है. परिवर्तन इसलिए देश में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से बिहार की बात कही. प्रधानमंत्री ने लालकिले से कहा कि देश का विकास बिहार के विकास के बिना अधूरा है. प्रधानमंत्री ने न सिर्फ कहा बल्कि बड़ा पैकेज भी दिया. लेकिन राज्य की नीतीश सरकार राशि खर्च करने में काफी पीछे रही. बहानेबाजी की जाती है. अगर राज्य में एनडीए की सरकार बनती है तो केंद्र सरकार के साथ विकास की गति काफी तेज हो जायेगी. मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार को गरीब, शोषित, दलित, महादलित किसी से कोई मतलब नहीं है. वह केवल स्वार्थ की राजनीति करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध उन्होंने केवल इसलिए किया कि वह अतिपिछड़ा वर्ग से आते हैं. नीतीश कुमार की मानसिकता इससे ही साफ हो जाती है कि बिहार में जब एक महादलित का बेटा कुर्सी पर बैठा और अच्छा काम करने लगा तो नीतीश ने तुरंत हटा दिया ताकि उनकी छवि कम न पड़ जाये. मांझी ने जनता से कहा कि लेकिन अब बदला लेने का समय आ गया है. पांच नवंबर को होने वाले चुनाव में एनडीए के घटक दलों को सभी उम्मीदवारों को जितायें. इससे प्रधानमंत्री का हाथ मजबूत होगा. कोसी के विकास के बिना बिहार का विकास नहीं : शहनवाज कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सैय्यद शहनवाज हुसैन ने कहा कि सभा में उपस्थित भीड़ साफ संदेश दे रही है कि बिहार में अब नीतीश सरकार की वापसी नहीं होगी. एक अणे मार्ग में भाजपा गठबंधन के मुख्यमंत्री का निवास होगा. शहनवाज ने कहा कि वह कोसी के बेटा हैं. कोसी की त्रासदी के चश्मदीद हैं. उस त्रासदी का कारण कोसी नदी नहीं बल्कि नीतीश सरकार के निकम्मे नुमाइंदे हैं. नीतीश कुमार ने पहले से बेहतर कोसी बनाने का वादा किया था. लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ. मकान नहीं बने. प्रधानमंत्री ने लाल किले से कहा था कि बिहार के विकास के बिना भारत का विकास असंभव है. लेकिन मैं इससे आगे जोड़ना चाहता हूं कि कोसी के विकास के बिना बिहार का विकास संभव नहीं. नौजवान यहां से पलायन कर रहे हैं. शिक्षा के लिए और रोजगार के लिए भी. लोकतंत्र में विकास लोगों का जन्म सिद्ध अधिकार है. लेकिन विकास की बात को दूर कर लालू जी और नीतीश जी लोगों को डराने में लगे हैं. आरक्षण के नाम पर भ्रम फैला रहे हैं. गुमराह कर रहे हैं. लेकिन प्रधानमंत्री जी की सभा में लाखों की भीड़ उमड़ने से वे अब घबराने लगे हैं. लोग बीस – तीस किलोमीटर पैदल चल कर सभा तक पहंुचते हैं. प्रधानमंत्री को अतिपिछड़ा वर्ग का होने के कारण उपेक्षित किया जाता है. लेकिन बिहार की जनता अब सच समझ चुकी है. पांच नवंबर को हर बात का जम कर जवाब देना है.
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पीएम अतिपिछड़ा वर्ग से हैं, इसलिए उनका विरोध : मांझी
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