कटोरिया : प्रखंड के घोरमारा गांव में शुक्रवार को बदी उज्जमा के मजार पर उर्स मेला लगा़ मजार पर चादरपोशी के लिए लोगों की भीड़ देर रात तक उमड़ती रही़ यहां बांका जिला के विभिन्न मुसलिम बाहुल्य गांवों से लोग चादरपोशी करने एवं जलसा में शामिल होने हेतु पहुंचे थे़ मान्यता है कि बदी उज्जमा की मजार पर चादरपोशी करने से सभी मन्नतें पूरी होती है़
दुआएं कबूल होती है़ं शुक्रवार शाम से लेकर देर रात तक मजार पर लोगों ने चादर, इत्र, अगरबत्ती, खुरमा, गुलाबजल आदि चढ़ा कर अपने परिवार व समाज की तरक्की एवं सभी बलाओं को टालने की दुआएं मांगी़
1997 से शुरू हुआ है मेला
मौलवी नईम उद्दीन ने बताया कि बदी उज्जमा के मजार पर वर्ष 1997 ई से ही उर्स मेला लगना प्रारंभ हुआ है, जो आज तक अनवरत जारी है़ उर्स मेला में दोनों समुदाय के लोगों की भीड़ जुटी थी़ इससे यहां आपसी प्रेम, भाईचारा व सौहार्द का वातावरण बना रहा़ मजार पर चादरपोशी हेतु घोरमारा, कठौन, कटोरिया, सूइया, चांदन, बहदिया, तीनसीमानी, भेलवा, पचकठिया, भोंडीसीमर, जयपुर, चुभिया, ललमटिया, धरतीथान, बलियामहरा, बेहंगा, सरकंडा, घुमनी, जेरूआ, चिंहुटजोर, कुरूमटांड, बरगुनिया, ढोंडियातरी, गढना आदि गांवों से भारी संख्या में महिला-पुरुष व बच्चे पहुंचे थे़
उर्स मेला में व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में उपप्रमुख कुदरत अंसारी, मौलवी नईम उद्यीन, मो युनुस, मो जफर, मो मुजफ्फर, मो शौकत, मो शहाबुद्दीन, डा महमूद, मो रहमान, मो अताबुल अंसारी आदि ने अहम भूमिका निभायी़ मेला परिसर में चादर, खुरमा, खिलौने, शृंगार, चाट-चाउमीन, झालमूढ़ी, टोपी, नाश्ता, आइसक्रीम आदि की दर्जनों दुकानें सजी थी़ं उर्स मेला के उपलक्ष्य में घोरमारा गांव में जलसा का भी आयोजन किया गया़ इसमें देश के कोने-कोने से पहुंचे उलमाओं ने समाज में एकता, भाईचारा व सौहार्दपूर्ण वातावरण में शांतिपूर्वक रहने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि एकता से ही परिवार, समाज व गांव में सुख, शांति व समृद्धि आयेगी़