मधेपुरा: नौ माह तक मां ने गर्भ में एक साथ रखने के बाद एक बच्चे को तो जन्म दिया लेकिन दूसरे बच्चे को जन्म देने से पहले उसकी स्थिति नाजुक बताते हुए डॉक्टरों ने उसे दरभंगा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया.
मंगलवार को सदर अस्पताल में ग्वालपाड़ा प्रखंड के टेमाभेला पंचायत के परोकिया वार्ड संख्या सात निवासी देवराज ऋषिदेव की पत्नी आशा देवी ने मंगलवार की सुबह चार बजे अपने घर पर ही एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. लेकिन प्रसव कराने आयी दाई ने बताया कि गर्भ में एक और बच्चा है. दूसरे बच्चे के उलटा होने के कारण उसका पैर बाहर आ गया.
दाई ने अस्पताल ले जाने को कहा. ग्वालपाड़ा पीएचसी पहंुचने पर यहां से सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. देवराज ने किसी तरह व्यवस्था कर आशा को लेकर सुबह 10 बजे सदर अस्पताल पहंुचे. यहां भरती कराने में ही उन्हें दो घंटे लग गये. यहां उसकी जांच में पता चला कि आशा का गर्भाशय फट गया है और खून की कमी हो गयी है. डॉक्टर पूनम कुमारी ने स्थिति को असामान्य बताते हुए आशा को बाहर रेफर कर दिया. डॉक्टर ने बताया कि गहन सर्जरी का मामला होने के कारण आशा देवी को दरभंगा रेफर कर दिया गया है. पहला पुत्र शिशु को साथ लेकर ही देवराज आशा को लेकर करीब तीन बजे दरभंगा रवाना हो गया.