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लुट गये 32 परिवारों के आशियाने खुले में करना पड़ रहा है रतजगा

मधेपुरा : मंगलवार को भी शहर में स्टेडियम से पूरब बसे गायत्री मोहल्ला 32 परिवारों का घर तोड़ दिया. इस दौरान सदर अंचलाधिकारी वीरेंद्र झा, नगर परिषद के कार्यालय पदाधिकारी प्रवीण कुमार, स्थानीय महिला-पुरुष पुलिस बल व कमांडो के सहयोग से अतिक्रमण को जेसीबी से हटाया गया. गौरतलब है कि अतिक्रमण हटाने का कार्य सोमवार […]

मधेपुरा : मंगलवार को भी शहर में स्टेडियम से पूरब बसे गायत्री मोहल्ला 32 परिवारों का घर तोड़ दिया. इस दौरान सदर अंचलाधिकारी वीरेंद्र झा, नगर परिषद के कार्यालय पदाधिकारी प्रवीण कुमार, स्थानीय महिला-पुरुष पुलिस बल व कमांडो के सहयोग से अतिक्रमण को जेसीबी से हटाया गया. गौरतलब है कि अतिक्रमण हटाने का कार्य सोमवार से ही चलाया जा रहा है.

सोमवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान घरों को टूटते देख लोगों का आक्रोश फूट गया था. इस दौरान कुछ महिला महिला जख्मी हो गयी. जख्मी संज्ञान देवी को एंबुलेंस से सदर अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद देर शाम तक सदर एसडीएम वृंदालाल की उपस्थिति में अतिक्रमण हटाया गया.
अतिक्रमण हटाने के बाद सड़क पर रात गुजारते लोगों ने बताया कि अधिकारियों द्वारा रात गुजारने के लिए प्लास्टिक देने का वादा किया गया था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसके कारण कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा.
घर टूट जाने के बाद घर में किसी तरह की चोरी ना हो इसके लिए रात भर जाग कर रात गुजारना पड़ा. वही उन लोगों ने कहा कि घर टूट जाने के बाद बच्चे व महिलाओं की सुरक्षा के लिए रात भर डर सताता रहा. उन्होंने कहा कि अगर रात में कोई अप्रिय घटना हो जाती तो इसका जवाब देही कौन होता.
अधिकारियों को मासूमों पर नहीं आयी दया: लोगों ने कहा पदाधिकारी से कितनी बार विनती करते हैं कि आज भर छोड़ दिया जाय वे नहीं माने. अधिकारियों ने हाई कोर्ट का हवाला देकर सभी घर तोड़ दिया. लोगों ने घर तोड़ने से रोका तो उन्हों ने लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान उन्होंने बच्चे बूढ़े और और औरतों तक को भी नहीं छोड़ा.
एक वृद्ध महिला को इतना पीटा गया कि वह मौके पर ही बेहोश हो गयी. हमलोगों ने कितनी बार विनती की कि बारिश का मौसम है और हम लोगों को रहने के लिए कोई दूसरा व्यवस्था नहीं है इसलिए जब तक दूसरा व्यवस्था नहीं होता तब तक घर नहीं तो तोड़ा जाय. अतिक्रमण हटाने के दौरान भी तेज बारिश हुई थी जिसकी प्रभाव उन लोगों पर नहीं पड़ा और अतिक्रमण हटाते रहे.
उपवास में खाली पेट महिलाओं पर स्थानीय महिलाओं ने बताया कि महिला पुलिस कर्मियों के द्वारा बेड़मी से हम लोग के साथ पिटाई की गयी है. पूरे दिन चौठ चांद पर होने के कारण उपवास रखे थे इस स्थिति में हम लोग के साथ मारपीट किया जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. लोगों ने कहा कि प्रशासन के द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्वक कार्य करने के कारण हम लोग पर्व तक नहीं मना पाये.
चाय दुकान से चलता था परिवार
मनोज कुमार ने बताया कि नाई के दुकान में मेहनत कर किसी तरह 50 हजार रुपया इकट्ठा कर एक छोटा सा आशियाना तैयार कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों के द्वारा जेसीबी से सब तहस नहस कर दिया.
घर का सारा समान बर्बाद हो गया है. उनकी पत्नी नीलम कुमार ने बताया कि तीन वर्षीय पुत्र आयुष कुमार बीमार है, लेकिन इलाज के लिये पैसे नहीं है. संजय कुमार ने बताया कि चाय का दुकान कर अपना घर चलाते थे. परिवार में लोगों की अधिक संख्या रहने के कारण दो जून की रोटी किसी तरह नसीब हो पाती थी. लेकिन अब घर नहीं होने के कारण सड़क पर आ गये है.
मजदूरी कर बनाया था घर
घर टूटने के बाद सड़क किनारे पूरे परिवार के साथ सुनील कुमार झा ने बताया कि चार वर्षीय पुत्र मोहित कुमार बीमार है. उन्हें डर सता रहा है कि इस दौरान अगर तेज आंधी बारिश हो जाय तो इस बीमार बच्चे को लेकर कहां जायेंगे. उनकी पत्नी प्रीतम देवी ने बताया कि शृंगार का दुकान चलाकर घर बनायी थी.
आठ लोगों को पर्चा दिया जाना था. जिनमें तीन लोग कहीं जमीन लेकर रह रहे है. पांच लोगों को पर्चा उपलब्ध करवा दिया गया है. तीन लोगों का जो पर्चा बच गया है. बुधवार को चिह्नित कर पर्चा दिया जायेगा.
वीरेंद्र झा, सीओ, मधेपुरा

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