मधेपुरा : शहर के मेन रोड से गुजरते वक्त अगर जाम मिल जाये तो समझ जाये तो समझिए कोई साहब या मेम साहब अपनी गाड़ी सड़क पर ही खड़ी कर खरीदारी कर रहे हैं. खास तौर पर शाम के वक्त यह नजारा आम होता है. जाम में फंसे लोग केवल सड़क पर खड़ी गाड़ियों की ओर देख कर कुछ बुदबुदा कर दिल को सुकून दे लेते हैं.
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जहां मन वहीं खड़ी कर देते हैं गाड़ियां, शहर में नहीं है पार्किंग की व्यवस्था
मधेपुरा : शहर के मेन रोड से गुजरते वक्त अगर जाम मिल जाये तो समझ जाये तो समझिए कोई साहब या मेम साहब अपनी गाड़ी सड़क पर ही खड़ी कर खरीदारी कर रहे हैं. खास तौर पर शाम के वक्त यह नजारा आम होता है. जाम में फंसे लोग केवल सड़क पर खड़ी गाड़ियों की […]
वर्षों से शहर का यही हाल है. लोग भी क्या करें, कहां अपनी गाड़ी कहां पार्क करें. शहर में पार्किंग की कोई व्यवस्था भी नहीं है और न स्थानीय नगर निकाय इसका समाधान ढूंढ़ने की कोशिश करने की कवायद कर रही है.
बढ़ रहे हैं बाजार और आबादी भी : एक दशक पहले तक दो किलो मीटर लंबी एक सड़क के दोनों ओर लगे बाजार तक ही मधेपुरा का कारोबार सीमित था. शहर अब विस्तृत होता जा रहा है. बाजार का आकार भी विशाल होता जा रहा है. आबादी बढ़ रही है. इसके साथ ही शहर में बड़ी और लग्जीरियस गाड़ियों की तादाद में भी इजाफा होता जा रहा है. इसके कारण अन्य बड़े शहर की तरह मधेपुरा में भी पार्किंग बड़ी समस्या बन रही है.
पार्किंग की व्यवस्था न तो किसी बैंक में और न बाजार में है. प्राइवेट नर्सिंग होम, साइबर, शॉपिंग सेंटर व शहर के बड़े- बड़े प्रतिष्ठानों के सामने जाम लगी रहती है. इस तरह घंटों जाम में रहने के कारण लोग जिले के आलाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को कोसते रहते हैं. ऐसा नहीं है कि प्रशासन इस समस्या से अनजान है.
ये हैं जाम प्वाइंट : सुभाष चौक स्थित बैंक ऑफ इंडिया व ग्रामीण बैंक, भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा और एडीबी, मेन रोड स्थित सेन्ट्रल बैंक आदि के सामने तो सुबह से लेकर देर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है. मेन रोड पर ही कई ब्रांडेड कंपनियों के शोरूम और डिपार्टमेंटल स्टोर हैं. जाम के कारण जयपालपट्टी चौक स्थित नर्सिंग होम व एलआईसी कार्यालय के सामने तो पैदल चलने की स्थिति भी नहीं रहती है.
क्या करें कि थोड़ी राहत मिले
अगर खरीदारी करने मधेपुरा आये हैं तो अपने चार पहिया वाहन को सड़क के अलावा कहीं और पार्क करने की कोशिश करें. एसएनपीएम स्कूल मैदान, रासबिहारी स्कूल मैदान आदि में भी गाड़ी पार्क की जा सकती है.
बाइक को इस तरह लगाये कि इससे आवागमन बाधित न हो.
आमतौर पर यह देखा जाता है कि जिस दुकान में हम खरीदारी करते हैं गाड़ी भी ठीक उसके सामने ही लगाते हैं. कृपया ऐसा करने से बचे ताकि अन्य लोगों को असुविधा न हो.
कुमारखंड के रौता पंचायत की घटना
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