मधेपुरा : एक तरफ सदर अस्पताल द्वारा लगातार लोगों को डेंगू व चिकनगुनिया से बचने की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर सदर अस्पताल में ही मरीजों को मच्छरदानी के अभाव में इन रोगों का डर बना रहता है. अस्पताल में मरीजों को दिन तो दूर रात में भी मच्छरदानी नहीं दिया जा रहा है.
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अस्पताल में भर्ती मरीजों को मच्छरदानी नहीं, उपहार में मिल रहा मलेरिया
मधेपुरा : एक तरफ सदर अस्पताल द्वारा लगातार लोगों को डेंगू व चिकनगुनिया से बचने की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर सदर अस्पताल में ही मरीजों को मच्छरदानी के अभाव में इन रोगों का डर बना रहता है. अस्पताल में मरीजों को दिन तो दूर रात में भी मच्छरदानी नहीं […]
वहीं मरीजों द्वारा जब मच्छरदानी की मांग की जाती है, तो कर्मचारियों द्वारा यह कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है कि मरीजों को मच्छरदानी देने का कोई नियम ही नहीं है. मच्छरदानी नहीं मिलने व सदर अस्पताल में कचरे का ढ़ेर लगा होने के कारण मरीजों में अक्सर इन मलेरिया जैसी बीमारियों का डर बना रहता है.
सफाई कर्मी लापरवाह
सफाई कर्मी की लापरवाही के कारण वार्ड के पीछे कचरे का डंपिंग ग्राउंड बन चुका है, जो डेंगू व चिकनगुनिया मच्छरों के जन्म के लिए अनुकूल स्थान है. चिकित्सकों की माने तो मानसून के समय जमे पानी व कचरा में डेंगू व चिकनगुनिया उत्पन्न करने वाले मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है, जो लोगों को बीमार करने के साथ उनकी जान पर भी खतरा बन सकता है.
अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार
सदर अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन के द्वारा जागरूकता के विपरीत अस्पताल परिसर में ही कूड़े कचरे के कारण पूरी रात मच्छर परेशान करते हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार गर्मी के कारण बीमार हुआ था तो उस दिन पदाधिकारियों का निरीक्षण था. निरीक्षण के दिन तो सारा अस्पताल चमक रहा था, लेकिन उसके बाद बुधवार शाम फिर भर्ती हुआ तो चारों तरफ गंदगी का भरमार लगा हुआ है.
बता दें कि एमसीआइ टीम के जांच के दौरान चारों तरफ साफ-सफाई के साथ ब्लीचिंग पाउडर व चुना का छिड़काव किया गया था, लेकिन इसके बाद आजतक सही से साफ-सफाई नहीं किया गया जो मरीजों को बीमारियों से दूर रखें.
कहते हैं सीएस
इस बाबत पर सिविल सर्जन डाॅ शैलेंद्र कुमार ने बताया कि ब्लीचिंग पाउडर व चुना का तुरंत-तुरंत छिड़काव होना संभव नहीं है.
अस्पताल है घर नहीं, जो मिल जाये वही बहुत
सदर अस्पताल में भर्ती गोसाई टोला के निवासी इस्तखार ने बताया कि बाहर कचरा जमा होने के कारण वार्ड में रात के समय मच्छरों का राज हो जाता है. वहीं मच्छरदानी नहीं मिलने के कारण पूरी रात जागकर गुजारना पड़ता है. उन्होंने बताया कि जब किसी कर्मी से परेशानी सुनाकर मच्छरदानी मांगा जाता है तो उनका कहना होता है कि यह अस्पताल है, तुम्हारा घर नहीं जो यहां सभी सुविधा मिल जाए.
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